"महेश्वर, खरगोन": अवतरणों में अंतर

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महेश्वर शहर [[मध्य प्रदेश]] के [[खरगोन जिला]] में स्थित है। '''महेश्वर''' शहर हैहयवंशी राजा [[सहस्रार्जुन]], जिसने [[रावण]] को पराजित किया था, की राजधानी रहा है। ऋषि जमदग्नि को प्रताड़ित करने के कारण उनके पुत्र भगवान परषुराम ने सहस्रार्जुन का वध किया था। कालांतर में महान देवी [[अहिल्याबाई होल्कर]] की भी राजधानी रहा है। [[नर्मदा]] नदी के किनारे बसा यह शहर अपने बहुत ही सुंदर व भव्य घाट तथा माहेश्वरी साड़ियों के लिये प्रसिद्ध है। घाट पर अत्यंत कलात्मक मंदिर हैं जिनमे से राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख है। आदिगुरु शंकराचार्य तथा पंडित मण्डन मिश्र का प्रसिद्ध शास्त्रार्थ यहीं हुआ था। यह जिले की एक तहसील का मुख्यालय भी है।
 
इस शहर को महिष्मती नाम से भी जाना जाता था। महेश्वर का रामायण और महाभारत में भी उल्लेख है। देवी अहिल्याबाई होलकर के कालखंड में बनाए गए यहाँ के घाट सुंदर हैं और इनका प्रतिबिंब नदी में और खूबसूरत दिखाई देता है। महेश्वर इंदौर से ही सबसे नजदीक है। इंदौर विमानतल महेश्वर से 91 किलोमीटर की दूरी पर है।
इस शहर को महिष्मती नाम से भी जाना जाता था।
देखने के लिए खास
राजगद्दी और रजवाड़ा - महेश्वर किले के अंदर रानी अहिल्याबाई की राजगद्दी पर बैठी पर एक प्रतिमा रखी गई है।
मंदिर - महेश्वर में घाट के आसपास कालेश्वर, राजराजेश्वर, विठ्ठलेश्वर और अहिलेश्वर मंदिर हैं।
 
ओंकारेश्वर
ओंकारेश्वर भी नर्मदा नदी के तट पर स्थित एक कस्बा है। ज्योतिर्लिंग होने के कारण इस स्थल का धार्मिक महत्व है। इंदौर या महेश्वर से ओंकारेश्वर सड़क मार्ग से जुड़ा है। इंदौर से ओंकारेश्वर के बीच की दूरी 77 किलोमीटर है।
देखने के लिए खास
ओंकारेश्वर के ज्योतिर्लिंग मंदिर के अलावा सिद्धनाथ मंदिर और 24 अवतार मंदिर भी देखने लायक हैं।
 
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