"बघेलखंड": अवतरणों में अंतर
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संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) |
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The proposed state includes the following districts: बघेलखंड में कुछ जिले उत्तर प्रदेश के तथा कुछ मध्य प्रदेश के हैं, वर्तमान में बघेलखण्ड क्षेत्र की स्थिति बहुत ही गंभीर है। यह क्षेत्र पर्याप्त आर्थिक संसाधनों से परिपूर्ण है किन्तु फिर भी यह अत्यंत पिछड़ा है। इसका मुख्य कारण है, राजनीतिक उदासीनता। न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकारें इस क्षेत्र के विकास के लिए गंभीर हैं। इसलिए इस क्षेत्र के लोग अलग बघेलखण्ड राज्य की मांग लम्बे समय से करते आ रहे है। यूं तो बघेलखण्ड क्षेत्र दो राज्यों में विभाजित है-उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश, लेकिन भू-सांस्कृतिक दृष्टि से यह क्षेत्र एक दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। रीति रिवाजों, भाषा और विवाह संबंधों ने इस एकता को और भी पक्की नींव पर खड़ा कर दिया।
'''[[मध्य प्रदेश]] से('''1)[[रीवा जिला|रीवां]])(2)[[सतना जिला|सतना]][[अनूपपुर जिला|(]]3)सीधी (4)सिंगरौली(रीवा संभाग)
(1)शहडोल(2)उमरिया(3)अनूपपुर(4)डिंडोरी तथा उ. प्र. का सोन भद्र जिला।{{उत्तर भारत के ऐतिहासिक क्षेत्र}}
(1)ब{{coord missing|India}}घेेल खण्ड की राजधानी -रीवा।(2)बघेल खण्ड की वाणिज्य राजधानी सतना।(3)बघेल खण्ड की ऊर्जाधानी सिंगरौली।
[[श्रेणी:मध्य प्रदेश के क्षेत्र]]
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