"हिंदी साहित्य": अवतरणों में अंतर

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[[नव्योत्तर काल]] की कई धाराएं हैं - एक, पश्चिम की नकल को छोड़ एक अपनी वाणी पाना; दो, अतिशय अलंकार से परे सरलता पाना; तीन, जीवन और समाज के प्रश्नों पर असंदिग्ध विमर्श।
 
[[कंप्यूटर]] के आम प्रयोग में आने के साथ साथ हिंदी में कंप्यूटर से जुड़ी नई विधाओं का भी समावेश हुआ है, जैसे- चिट्ठालेखन और जालघर की रचनाएं। हिन्दी में अनेक स्तरीय [[हिंदी चिट्ठे]], [[जालघर]] व [[जाल पत्रिकायें]] हैं। यह [[कंप्यूटर]] साहित्य केवल भारत में ही नहीं अपितु विश्व के हर कोने से लिखा जा रहा है. इसके साथ ही अद्यतन युग में [[प्रवासी हिंदी साहित्य]] के एक नए युग का आरंभ भी माना जा सकता है।
 
== हिन्दी की विभिन्न बोलियों का साहित्य ==
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*[[आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास]]
*[[आधुनिक हिंदी पद्य का इतिहास]]
*[[प्रवासी हिंदी साहित्य]]
: ब्रिटिश हिन्दी साहित्य
: अमेरिकी हिन्दी साहित्य