"स्वप्न": अवतरणों में अंतर
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आधुनिक [[मनोवैज्ञानिक|मनोवैज्ञानिकों]] के अनुसार सोते समय की [[चेतना]] की अनुभूतियों को '''स्वप्न''' कहते हैं। स्वप्न के अनुभव की तुलना मृगतृष्णा के अनुभवों से की गई है। यह एक प्रकार का विभ्रम है मनुष्य और जीवित प्राणियों के पास [[नींद]] और हाँ [[आत्महत्या|आत्महत्या]] सपने में अनायास ही वह कहता है [[संत जॉर्ज]] [[भगवान]] रात को सोते हुए आत्महत्या कर लेते हैं और सपने देखते हैं कि आप [[जन्म]]
भारतीय दृष्टिकोण के अनुसार स्वप्न चेतना की चार अवस्थाओं में से एक विशेष अवस्था है। बाकी तीन अवस्थाएँ जाग्रतावस्था, सुषुप्ति अवस्था और तुरीय अवस्था हैं। स्वप्न और जाग्रताअवस्था में अनेक प्रकार की समानताएँ हैं। अतएव जाग्रतावस्था के आधार पर स्वप्न अनुभवों को समझाया जाता है। इसी प्रकार स्वप्न अनुभवों के आधार पर जाग्रताअवस्था के अनुभवों को भी समझाया जाता है।
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