"चन्देश्वर नारायण प्रसाद सिंह": अवतरणों में अंतर

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18 अप्रैल, 1901 को बिहार के पारसगढ़ स्थान पर जन्मे श्री सिंह ने अपनी उच्च षिक्षा कलकत्ता विष्वविद्यालय में ग्रहण की। 1927 में उन्हें बिहार की विधान परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया। मुजफ्फर नगर जिला परिषद के अध्यक्ष की हैसियत से उन्होने 1934 के भूकम्प के दौरान पीडि़तों की राहत के लिए जो कार्य किया उसे राष्ट्रीय स्तर पर सभी ने सराहा। 1945 में वे संयुक्त पटना विष्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त हुए। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें नेपाल में भारत का राजदूत बनने का आमंत्रण दिया। 1950 मे जब श्री सिंह भारत के राजदूत थे उसी समय नेपाल के राजा ने भारतीय दूतावास में शरण ली थी। 1953 में उन्हें अविभाजित पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हीं के कार्यकाल में चंडीगढ़ तथा भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण हुआ। 1958 में उन्हें जापान में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। जापान में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें डाक्ट्रेट की उपाधि से एक विष्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया। तत्पष्चात उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक का निदेषक बनाया गया। वे आई0डी0बी0आई0 के निदेषक तथा अन्य कई कम्पनियों के अध्यक्ष भी रहे। 1977 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 28 फरवरी, 1980 को वे [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]] नियुक्त हुए।
 
==सन्दर्भ==