"नानाजी देशमुख": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 54:
 
== प्रशंसा और सम्मान ==
[[चित्र:The Vice President Shri Bhairon Singh Shekhawat conferring the 'Dnyaneswar Award' to noted & veteran social worker Shri Nanaji Deshmukh, in New Delhi on June 1, 2005.jpg|300px|thumb|right|सन २००५ में तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री [[भैरों सिंह शेखावत]], नानाजी को ज्ञानेश्वर पुरकार से सम्मानित करते हुए]]
वर्ष २०१९ में नानाजी को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया. वर्ष १९९९ में नानाजी देशमुख को [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति [[ए.पी.जे. अब्दुल कलाम]] ने नानाजी देशमुख और उनके संगठन दीनदयाल शोध संस्थान की प्रशंसा की। इस संस्थान की मदद से सैकड़ों गाँवों को मुकदमा मुक्त विवाद सुलझाने का आदर्श बनाया गया। अब्दुल कलाम ने कहा-"चित्रकूट में मैंने नानाजी देशमुख और उनके साथियों से मुलाकात की। दीन दयाल शोध संस्थान ग्रामीण विकास के प्रारूप को लागू करने वाला अनुपम संस्थान है। यह प्रारूप भारत के लिये सर्वथा उपयुक्त है। विकास कार्यों से अलग दीनदयाल उपाध्याय संस्थान विवाद-मुक्त समाज की स्थापना में भी मदद करता है। मैं समझता हूँ कि चित्रकूट के आसपास अस्सी गाँव मुकदमें बाजी से मुक्त है। इसके अलावा इन गाँवों के लोगों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया है कि किसी भी विवाद का हल करने के लिये वे अदालत नहीं जायेंगे। यह भी तय हुआ है कि सभी विवाद आपसी सहमति से सुलझा लिये जायेंगे। जैसा नानाजी देशमुख ने हमें बताया कि अगर लोग आपस में ही लड़ते झगड़ते रहेंगे तो विकास के लिये समय कहाँ बचेगा?" कलाम के मुताबिक, विकास के इस अनुपम प्रारूप को सामाजिक संगठनों, न्यायिक संगठनों और सरकार के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में फैलाया जा सकता है। शोषितों और दलितों के उत्थान के लिये समर्पित नानाजी की प्रशंसा करते हुए कलाम ने कहा कि नानाजी चित्रकूट में जो कर रहे हैं उसे देखकर अन्य लोगों की भी आँखें खुलनी चाहिये।
 
वर्ष २०१९ में नानाजी को भारत के सर्वोच्च सम्मान [[भारतरत्न]] से सम्मानित किया गया।
 
== निधन ==