"जे॰ जे॰ थॉमसन": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो 2409:4043:2206:CB0D:0:0:BDE:98A4 (Talk) के संपादनों को हटाकर SM7Bot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
Kanha bhujwa (वार्ता | योगदान) UNHO NE DISCHARGE NALI KA PRAYOG KIYA THA. टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 65:
===इलेक्ट्रॉन की खोज===
विभिन्न वैज्ञानिकों, जैसे [[विलियम प्राउट]] और [[नॉर्मन लॉकयर]] ने यह सुझाव दिया कि परमाणु कुछ अन्य मूलभूत इकाइयों से मिलकर बना हुआ है, लेकिन उन्होंने इसे लघुतम आकार वाले परमाणु, हाइड्रोजन से मिलकर बना हुआ मानने लगे। थॉमसन ने वर्ष १८९७ में पहली बार सुझाव दिया कि इसकी मूलभूत इकाई परमाणु के १००० वें भाग से भी छोटी है। इस तरह उन्होंने अपरमाणुक कण का सुझाव दिया जिसे आज इलेक्ट्रॉन के नाम से जाना जाता है। थॉमसन ने यह कैथोड़ किरणों के गुणधर्मों पर अन्वेषण करते हुये पाया। थॉमसन ने ३० अप्रैल १८९७ को पहली अपनी खोज में पाया कि कैथोड़ किरणें (उस समय इन्हें लेनार्ड किरणों के नाम से जाना जाता था) हवा में परमाणु-आकार वाले कणों से कई गुणा अधिक तेजी से गति कर सकती हैं।<ref name="referenceB">J.J. Thomson (1897) [https://books.google.com/books?id=vBZbAAAAYAAJ&pg=PA104#v=onepage&q&f=false "Cathode Rays"], ''The Electrician'' 39, 104</ref>
==पुरस्कार और पहचान==
|