"गोविन्द बल्लभ पन्त": अवतरणों में अंतर
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== प्रारम्भिक जीवन ==
इनका जन्म १० सितम्बर १८८७ को [[अल्मोड़ा जिला|अल्मोड़ा जिले]] के श्यामली पर्वतीय क्षेत्र स्थित [[गाँव]] [[खूंट, अल्मोडा तहसील|खूंट]] में महाराष्ट्रीय मूल के एक कऱ्हाड़े ब्राह्मण कुटुंब में हुआ। इनकी माँ का नाम गोविन्दी बाई और पिता का नाम मनोरथ पन्त था। बचपन में ही पिता की मृत्यु हो जाने के कारण उनकी परवरिश उनके
१९१० में उन्होंने अल्मोड़ा आकर वकालत शूरू कर दी। वकालत के सिलसिले में वे पहले [[रानीखेत]] गये फिर [[काशीपुर]] में जाकर प्रेम सभा नाम से एक संस्था का गठन किया जिसका उद्देश्य शिक्षा और साहित्य के प्रति जनता में जागरुकता उत्पन्न करना था। इस संस्था का कार्य इतना व्यापक था कि ब्रिटिश स्कूलों ने काशीपुर से अपना बोरिया बिस्तर बाँधने में ही खैरियत समझी।
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== गृह मंत्री कार्यकाल==
सरदार पटेल की मृत्यु के बाद उन्हें [[गृह मंत्रालय, भारत सरकार]] के प्रमुख का दायित्व दिया गया। भारत के गृह मंत्री रूप में
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