"वाक्य और वाक्य के भेद": अवतरणों में अंतर

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:२- रचना के आधार पर वाक्य भेद
 
===अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद ===
जिन वाक्यों से कार्य की पूर्ति का भाव प्रकट हो, वे विधानवाचक वाक्य कहलाता है। उदाहरण -
अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हँ-
1-[[विधान वाचक वाक्य]], 2- [[निषेधवाचक वाक्य]], 3- [[प्रश्नवाचक वाक्य]], 4- [[विस्म्यादिवाचक वाक्य]], 5- [[आज्ञावाचक वाक्य]], 6- [[इच्छावाचक वाक्य]], 7-संकेतवाचक वाक्य, 8-[[संदेहवाचक वाक्य]]।
 
* '''[[विधान वाचक वाक्य|विधानवाचक सूचक वाक्य]]''' - वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है। उदाहरण -
: भारत एक देश है।
: राम के पिता का नाम दशरथ था।
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१.संयोजक संयुक्त वाक्य
२.विभाजक संयुक्त वाक्य
३.विरोधसूचक संयुक्त वाभोपावाक्य
४.परिमाणवाचक संयुक्त वाक्य
*(३) '''मिश्रित/मिश्र वाक्य''' - जिन वाक्यों में एक मुख्य या प्रधान वाक्य हो और अन्य आश्रित उपवाक्य हों, उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। इनमें एक मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के अलावा एक से अधिक समापिका क्रियाएँ होती हैं, जैसे - ज्यों ही उसने दवा पी, वह सो गया। यदि परिश्रम करोगे तो, उत्तीर्ण हो जाओगे। मैं जानता हूँ कि तुम्हारे अक्षर अच्छे नहीं बनत