"ख़ुबानी": अवतरणों में अंतर

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{{Taxobox
| name = खुमानीख़ुबानी
| image = Apricots.jpg
| image_caption = खुमानीख़ुबानी
| status_system = IUCN3.1
| status = LC
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| binomial_authority = [[कार्ल लीनियस|L.]]
}}
'''खुमानीख़ुबानी''' एक [[गुठलीदार फल]] है। वनस्पति-विज्ञान के नज़रिए से खुमानीख़ुबानी, [[आलू बुख़ारा]] और [[आड़ू]] तीनों एक ही "प्रूनस" नाम के वनस्पति परिवार के फल हैं। [[उत्तर भारत]] और [[पाकिस्तान]] में यह बहुत ही महत्वपूर्ण फल समझा जाता है और कुछ विशेषज्ञों के अनुसार यह [[भारत]] में पिछले ५,००० साल से उगाया जा रहा है।<ref name="rhs">Huxley, A., ed. (1992). ''New RHS Dictionary of Gardening'' 1: 203–205. Macmillan ISBN 0-333-47494-5.</ref> खुमानीख़ुबानियों में कई प्रकार के विटामिन और फाइबर होते हैं।
 
== अन्य भाषाओँ में ==
[[चित्र:Turkey.Pasa Baglari005.jpg|thumb|left|तुर्की में उग रहा एक खुमानीख़ुबानी का पेड़]]
[[चित्र:Apricot and cross section.jpg|thumb|left|खुमानीखुबानी और उसका पार अनुभाग]]
[[अंग्रेजी]] में खुमानीख़ुबानी को "ऐप्रिकॉट" (apricot) कहते हैं। [[पश्तो]] में इसे "खुमानीख़ुबानी" ({{Nastaliq|ur|خوبانۍ}}) ही कहते हैं। [[फ़ारसी]] में इसको "ज़र्द आलू" ({{Nastaliq|ur|زردآلو}}) कहते हैं। फ़ारसी में "आलू" का मतलब "आलू बुख़ारा" और "ज़र्द" का मतलब "पीला (रंग)" होता है, यानि "ज़र्द आलू" का मतलब "पीला आलू बुख़ारा' होता है। ध्यान रहे के जिसे हिन्दी में आलू बोलते हैं उसे फ़ारसी में "आलू ज़मीनी" बोलते हैं (यानि ज़मीन के नीचे उगने वाला आलू बुख़ारा)। [[मराठी भाषा|मराठी]] में इसके लिए फ़ारसी से मिलता-जुलता "[[:mr:जर्दाळू|जर्दाळू]]" शब्द है।
 
== विवरण ==
खुमानीख़ुबानी के पेड़ का कद छोटा होता है - लगभग ८-१२ मीटर तक। उसके तने की मोटाई क़रीब ४० सेंटीमीटर होती है। ऊपर से पेड़ की टहनियां और पत्ते घने फैले हुए होते है। पत्ते का आकार ५-९ सेमी लम्बा, ४-८ सेमी चौड़ा और अण्डाकार होता है। फूल पाँच पंखुड़ियों वाले, सफ़ेद या हलके गुलाबी रंग के होते हैं और हाथ की ऊँगली से थोड़े छोटे होते हैं। यह फूल या तो अकेले या दो के जोड़ों में खिलते हैं। खुमानीख़ुबानी का फल एक छोटे आड़ू के बराबर होता है। इसका रंग आम तौर पर पीले से लेकर नारंगी होता है लेकिन जिस तरफ सूरज पड़ता हो उस तरफ ज़रा लाल रंग भी पकड़ लेता है। वैसे तो खुमानीख़ुबानी के बहरी छिलका काफी मुलायम होता है, लेकिन उस पर कभी-कभी बहुत महीन बाल भी हो सकते हैं। खुमानीख़ुबानी का बीज फल के बीच में एक ख़ाकी या काली रंग की सख़्त गुठली में बंद होता है। यह गुठली छूने में ख़ुरदुरी होती है।
 
== पैदावार ==
विश्व में सबसे ज़्यादा खुमानीख़ुबानी [[तुर्की]] में उगाई जाती है जहाँ २००५ में ३९०,००० टन खुमानीख़ुबानी पैदा की गई। मध्य-पूर्व तुर्की में स्थित मलत्या क्षेत्र खुमानीख़ुबानियों के लिए मशहूर है और तुर्की की लगभग आधी पैदावार यहीं से आती है। तुर्की के बाद [[ईरान]] का स्थान है, जहाँ २००५ में २८५,००० टन खुमानीख़ुबानी उगाई गई। खुमानीख़ुबानी एक ठन्डे प्रदेश का पौधा है और अधिक गर्मी में या तो मर जाता है या फल पैदा नहीं करता। भारत में खुमानीख़ुबानियाँ उत्तर के पहाड़ी इलाकों में पैदा की जाती है, जैसे के [[कश्मीर]], [[हिमाचल प्रदेश]], [[उत्तराखंड]], वग़ैराह।
 
== प्रयोग ==
सूखी खुमानीख़ुबानी को भारत के पहाड़ी इलाक़ों में बादाम, [[अख़रोट]] और न्योज़े की तरह खुमानीख़ुबानी को एक [[ख़ुश्क मेवा]] समझा जाता है और काफ़ी मात्रा में खाया जाता है। कश्मीर और हिमाचल के कई इलाक़ों में सूखी खुमानीख़ुबानी को किश्त या किष्ट कहते हैं। माना जाता है के कश्मीर के किश्तवार क्षेत्र का नाम इसीलिए पड़ा क्योंकि प्राचीनकाल में यह जगह सूखी खुमानीखुबनियों के लिए प्रसिद्ध थी।
 
खुमानीखुबानी की प्यूरी को वसा के विकल्प के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। इसकी प्यूरी आलूबुखारे की प्यूरी की तरह बहुत गहरे रंग की नहीं होती और न ही सेब की प्यूरी की तरह जल की अधिकता वाली ही होती है। खुमानीखुबानी का उद्गम उत्तर पश्चिम के देशों विशेषकर अमेरिका का माना जाता है। कुछ समय बाद यह फल तुर्की पहुंचा। इस समय वहां खुमानीखुबानी की पैदावार सबसे ज्यादा होती है। खुमानीखुबानी का रंग जितना चमकीला होगा, उसमें विटामिन-सी और ई और पोटेशियम की मात्रा उतनी ही अधिक होगी। सूखी खुमानीखुबानी में ताजी खुमानीखुबानी की तुलना में १२ गुना लौह, सात गुना आहारीय रेशा और पांच गुना विटामिन ए होता है। सुनहरी खुमानीखुबानी में कच्चे आम व चीनी मिला कर बहुत स्वादिष्ट चटनी बनती है। खुमानीखुबानी का पेय भी बहुत स्वादिष्ट होता है, जिसे ‘एप्रीकॉट नेक्टर’ कहते हैं।<ref>[http://www.livehindustan.com/news/lifestyle/lifestylenews/50-50-65418.html स्वास्थ्यवर्धक खुबानी]। हिन्दुस्तान लाइव</ref>
 
== खुमानीख़ुबानी के बीज ==
खुमानीख़ुबानी की गुठली के अन्दर का बीज एक छोटे बादाम की तरह होता है और खुमानीख़ुबानी की बहुत सारी क़िस्मों में इसका स्वाद एक मीठे बादाम सा होता है। इसे खाया जा सकता है, लेकिन इसमें हलकी मात्रा में एक हैड्रोसायनिक ऐसिड नाम का ज़हरीला पदार्थ होता है। बच्चों को खुमानीख़ुबानी का बीज नहीं खिलाना चाहिए। बड़ों के लिए यह ठीक है लेकिन उन्हें भी एक बार में ५-१० बीजों से अधिक नहीं खाने चाहिए।<ref>{{cite journal |author=Krashen, Stephen D. |title=Are Apricot Kernels Toxic? |journal=The Internet Journal of Health |volume=9 |issue=2 |year=2009 |url=http://www.ispub.com/journal/the_internet_journal_of_health/volume_9_number_2_13/article/are-apricot-kernels-toxic.html}}</ref>
 
== किस्में ==
खुमानीखुबानी कई रंगों में आती है, जैसे सफेद, काले, गुलाबी और भूरे (ग्रे) रंग। रंग से खुमानीखुबानी के स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन इसमें जो कैरोटीन होता है, उसमें जरूर अंतर आ जाता है।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.google.co.in/url?sa=t&source=web&cd=9&ved=0CHIQFjAI&url=http%3A%2F%2Fwww.patrika.com%2Farticle.aspx%3Fid%3D25849&rct=j&q=%E0%A4%96%E0%A5%81%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80&ei=14nYTZHqCMayrAfAr5SEBg&usg=AFQjCNG0-iFcqFzVq6GIkuKH3TeydtpJSQ&sig2=XQj-IMwvGn6Kgc1JKB4_Kg&cad=rja कैंसर से बचाते हैं खुमानीखुबानी के बीज]
* [http://flaxindia.blogspot.in/2011/06/17.html खुमानीखुबानी - महान कैंसररोधी विटामिन बी-17 और बी-15 का स्रोत]
 
== सन्दर्भ ==