[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के नगर]] देवरिया में ही देवराई माता का मंदिर है। देवरिया में ही रूद्रपुर तहसील पड़ता है जहां पर बाबा दूधेश्वर नाथ का भव्य मंदिर है जहां पर श्रावण मास में बहुत सारे श्रद्धालु आते हैं और जल चढ़ाते हैं जैसा कि उल्लेखनीय है अब देवरिया के नाम से ही जान सकते हैं या हमेशा से ही देवताओं का एरिया रहा है इसलिए इसका नाम ऐसा माना जाता है कि देवताओं का एरिया होने के कारण ही इसका नाम देवरिया रख दिया गया करायल शुक्ला गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर महेंद्र नाम का गांव पड़ता है जहां पर बाबा महेंद्रनाथ का भव्य मंदिर है श्रद्धालु यहां भी श्रावण माह पर जल अर्पित करते हैं बरहज तहसील भी जिला देवरिया में ही पड़ता है जहां से यमुना नदी बहती है बरहज में भी रेलवे स्टेशन है और रेलवे नेटवर्क है बरहज में एक ट्रेन चलती है जिसे बरहजिया नाम से लोग जानते हैं यह ट्रेन विश्व में प्रचलित है इसी ट्रेन के तर्ज पर मेट्रो ट्रेन चलाया जाता है या सही है कि सबसे पहले बरहज में ही बरहजिया नाम की ट्रेन चलती थी जो कि बरहज से सलेमपुर को जाती थी यह भी एक अधिकारी है कि यहां अपने ही शहर में अर्थात देवरिया जिले में ही चलती है इसी के तर्ज पर माना जाता है कि मेट्रो ट्रेन का विकास हुआ बराजी अपने आप में एक रिकॉर्ड है जिसे शायद ही लोग जानते हो।