"आदिलाबाद": अवतरणों में अंतर

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=== बासर मंदिर ===
निजामाबाद से 50 किलोमीटर दूर गोदावरी नदी के किनारे स्थित बसर का श्री ज्ञान [[सरस्‍वतीसरस्वती देवी|सरस्‍वती मंदिर]] मंदिर दक्षिण भारत में विद्या की देवी को समर्पित एक मात्र मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार [[महाभारत]] के युद्ध के बाद ऋषि व्‍यास शांति की खोज पर निकले। वे [[गोदावरी नदी]] के किनारे कुमारचला पहाड़ी पर पहुंचे और देवी की अराधना की। उनसे प्रसन्‍न होकर देवी ने उन्‍हें दर्शन दिए। देवी के आदेश पर उन्‍होंने प्रतिदिन तीन जगह तीन मुट्ठी रेत रखी। चमत्‍कारस्‍वरूप रेत के ये तीन ढ़ेर तीन देवियों की मूर्तियों में बदल गए जो थीं- सरस्‍वती, लक्ष्‍मी और काली। आज ये तीनों देवियां बसर की सर्वाधिक पूजनीय देवियां हैं।
 
तीनों देवियों की उपस्थिति के बावजूद यह मंदिर मुख्‍य रूप से देवी सरस्‍वती को समर्पित है। अक्षर पूजा के अवसर पर अभिभावक अपने बच्‍चों को यहां लाते हैं ताकि उनकी शिक्षा का आरंभ ज्ञान की देवी के आशीर्वाद के साथ हो। वादायती शिला, अष्‍टतीर्थ बसर के आसपास अन्‍य प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं। हजारों श्रद्धालु [[महाशिवरात्रि]] पर गोदावरी नदी में स्‍नान करते हैं और देवी का आशीर्वाद पाते हैं। व्‍यास पूर्णिमा, वसंत पंचमी, [[दशहरा]] और [[नवरात्रि]] भी यहां पूरी श्रद्धा और उल्‍लास के साथ मनाए जाते हैं।
 
=== केलसापुर नगर ===