"बंगलौर": अवतरणों में अंतर
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''बेगुर'' के पास मिले एक शिलालेख से ऐसा प्रतीत होता है कि यह जिला [[1004]] ई० तक, गंग राजवंश का एक भाग था। इसे '''बेंगा-वलोरू''' के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ प्राचीन कन्नड़ में "रखवालों का नगर" होता है। सन् [[1015]] से [[1116]] तक [[तमिलनाडु]] के [[चोल]] शासकों ने यहाँ राज किया जिसके बाद इसकी सत्ता [[होयसल राजवंश]] के हाथ चली गई।
ऐसा माना जाता है कि आधुनिक बंगलौर की स्थापना सन [[1537]] में [[विजयनगर साम्राज्य]] के दौरान हुई थी। विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद बंगलौर के सत्ता की बागडोर कई बार बदली। [[मराठा]] सेनापति
१५३७ में विजयनगर साम्राज्य के सामंत केंपेगौडा प्रथम ने इस क्षेत्र में पहले किले का निर्माण किया था। इसे आज बेंगलूर शहर की नींव माना जाता है। समय के साथ यह क्षेत्र मराठों, अंग्रेज़ों और आखिर में मैसूर के राज्य का हिस्सा बना। अंग्रेज़ों के प्रभाव में मैसूर राज्य की राजधानी मैसूर शहर से बेंगलूर में स्थानांतरित हो गई, और ब्रिटिश रेज़िडेंट ने बेंगलूर से शासन चलाना शुरू कर दिया। बाद में मैसूर का शाही वाडेयार परिवार भी बेंगलूर से ही शासन चलाता रहा। १९४७ में भारत की आज़ादी के बाद मैसूर राज्य का भारत संघ में विलय हो गया, और बेंगलूर १९५६ में नवगठित कर्नाटक राज्य की राजधानी बन गया। १९४९ में बेंगलूर छावनी और बेंगलूर नगर, जिनका विकास अलग अलग इकाइयों के तौर पर हुआ था, का विलय करके नगरपालिका का पुनर्गठन किया गया।
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