"मेहबूब की मेहन्दी": अवतरणों में अंतर
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'''मेहबूब की मेहन्दी''' 1971 में बनी हिन्दी फिल्म है। इसका निर्देशन और निर्माण [[एच॰ एस॰ रवैल]] ने किया है। फिल्म में [[राजेश खन्ना]] और [[लीना चन्दावरकर]] मुख्य भूमिकाओं में हैं और सहायक कलाकारों में [[प्रदीप कुमार]], [[इफ़्तेख़ार]], [[जगदीश राज]], गुरनाम सिंह और मुमताज बेगम शामिल हैं। संगीत [[लक्ष्मीकांत प्यारेलाल]] का है और गीत के बोल [[आनंद बख्शी]] के हैं। यह फिल्म मुस्लिम तहज़ीब (संस्कृति) पर आधारित है।
== संक्षेप ==
यूसुफ ([[राजेश खन्ना]]) अपने व्यवसायी पिता, सफदरजंग ([[इफ़्तेख़ार]]) के साथ एक समृद्ध जीवन शैली जीता है, जो कि [[पहियाकुर्सी]] तक सीमित है। यूसुफ के भतीजे, खालिद उर्फ फिरंगी की शिक्षिका, श्रीमती अल्बर्ट ([[मनोरमा (अभिनेत्री)|मनोरमा]] उसके बारे में शिकायत करती हैं और चली जाती हैं। अब यूसुफ शबाना ([[लीना चन्दावरकर]]) को काम पर रखता है, जो अपनी दादी के साथ थोड़े समय के लिए उनके साथ रहने के लिए आई थी।
वह अपने पिता की देखभाल के लिए एक नौकर के रूप में खैरुद्दीन ([[प्रदीप कुमार) नाम के एक व्यक्ति को काम पर रखता है। यूसुफ और शबाना एक दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं और सफदरजंग और नानी की खुशी के लिए शादी करने का इरादा रखते हैं। शादी की तैयारी चल रही होती है, लेकिन यूसुफ और उसके परिवार को कुछ बातें पता नहीं हैं। एक यह है कि शबाना, नजमा नामक एक तवायफ की बेटी है; और यूसुफ को मारने के लिए खैरूद्दीन ने काम करना शुरू किया है।
== मुख्य कलाकार ==
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==सन्दर्भ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
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