"दिल्ली": अवतरणों में अंतर
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| population_blank3_title = [[केन्द्र-शासित प्रदेश]]
| population_blank3 = 16787941
| population_footnotes = <ref name="pop">{{Cite web|url=http://www.census2011.co.in/city.php|title=List of Most populated cities of India|website=www.census2011.co.in|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://www.census2011.co.in/states.php|title=List of states with Population, Sex Ratio and Literacy Census 2011|website=www.census2011.co.in|accessdate=1 मार्च 2019}}</ref>
| timezone1 = [[भारतीय मानक समय|आइएसटी]]
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===दिल्ली-एनसीआर===
{{main|राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (भारत)}}
एनसीआर में दिल्ली से सटे सूबे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कई शहर शामिल हैं।<ref>{{
=== भौगोलिक स्थिति ===
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=== जल संपदा ===
[[चित्र:DElhi-Water-Chanel.gif|thumb|200px|दिल्ली की जल संरचना]]
भूमिगत जलभृत लाखों वर्षों से प्राकृतिक रूप से नदियों और बरसाती धाराओं से नवजीवन पाते रहे हैं। भारत में गंगा-यमुना का मैदान ऐसा क्षेत्र है, जिसमें सबसे उत्तम जल संसाधन मौजूद हैं। यहाँ अच्छी वर्षा होती है और हिमालय के ग्लेशियरों से निकलने वाली सदानीरा नदियाँ बहती हैं। दिल्ली जैसे कुछ क्षेत्रों में भी कुछ ऐसा ही है। इसके दक्षिणी पठारी क्षेत्र का ढलाव समतल भाग की ओर है, जिसमें पहाड़ी श्रृंखलाओं ने प्राकृतिक झीलें बना दी हैं। पहाड़ियों पर का प्राकृतिक वनाच्छादन कई बारहमासी जलधाराओं का उद्गम स्थल हुआ करता था।<ref name="इंडिया वाटर पोर्टल">
व्यापारिक केन्द्र के रूप में दिल्ली आज जिस स्थिति में है; उसका कारण यहाँ चौड़ी पाट की एक यातायात योग्य नदी [[यमुना]] का होना ही है; जिसमें माल ढुलाई भी की जा सकती थी। ५०० ई. पूर्व में भी निश्चित ही यह एक ऐसी ऐश्वर्यशाली नगरी थी, जिसकी संपत्तियों की रक्षा के लिए नगर प्राचीर बनाने की आवश्यकता पड़ी थी। सलीमगढ़ और पुराना किला की खुदाइयों में प्राप्त तथ्यों और पुराना किला से इसके इतने प्राचीन नगर होने के प्रमाण मिलते हैं। [[१०००]] ई. के बाद से तो इसके इतिहास, इसके युध्दापदाओं और उनसे बदलने वाले राजवंशों का पर्याप्त विवरण मिलता है।<ref name="इंडिया वाटर पोर्टल"/>
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===वायु प्रदुषण===
दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आम तौर पर जनवरी से सितंबर के बीच मध्यम (101-200) स्तर है, और फिर यह तीन महीनों में बहुत खराब (301-400), गंभीर (401-500) या यहां तक कि खतरनाक (500+) के स्तर में भी हो जाती है। अक्टूबर से दिसंबर के बीच, विभिन्न कारकों के कारण, स्टबल जलने, दिवाली में जलने वाले अग्नि पटाखे और ठंड के मौसम ।<ref>{{
=== जनसांख्यिकी ===
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{{main|भारतीय संस्कृति}}
[[चित्र:Traditional pottery in Dilli Haat.jpg|thumb|[[दिल्ली हाट]] में प्रदर्शित परंपरागत पॉटरी उत्पाद।]]
दिल्ली शहर में बने स्मारकों से विदित होता है कि यहां की संस्कृति प्राच्य ऐतिहासिक पृष्ट भूमि से प्रभावित है। [[भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण]] विभाग ने दिल्ली शहर में लगभग १२०० धरोहर स्थल घोषित किए हैं, जो कि विश्व में किसी भी शहर से कहीं अधिक है।<ref>
|url=http://asi.nic.in/asi_monu_alphalist_delhi.asp
|title=Delhi Circle (N.C.T. of Delhi)
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; मेट्रो सेवा
{{मुख्य|दिल्ली मेट्रो}}
[[दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन]] द्वारा संचालित [[दिल्ली मेट्रो रेल]] एक मास रैपिड ट्रांज़िट (त्वरित पारगमन) प्रणाली है, जो कि दिल्ली के कई क्षेत्रों में सेवा प्रदान करती है। इसकी शुरुआत २४ दिसम्बर २००२ को [[शहादरा]] [[तीस हजारी]] लाईन से हुई। इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति ८०किमी/घंटा (५०मील/घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग २० सेकेंड रुकती है। सभी ट्रेनों का निर्माण [[दक्षिण कोरिया]] की कंपनी रोटेम (ROTEM) द्वारा किया गया है। दिल्ली की परिवहन व्यवसथा में मेट्रो रेल एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले परिवहन का ज़्यादातर बोझ सड़क पर था। प्रारंभिक अवस्था में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की है जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ेगी। इसका पहला चरण [[वर्ष]] [[२००६]] में पूरा हो चुका है। दुसरे चरण में दिल्ली के [[महरौली]], [[बदरपुर बॉर्डर]], आनंद विहार, जहांगीरपुरी, मुन्द्का और [[इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा]] अथवा दिल्ली से सटे [[नोएडा]], [[गुड़गांव]] और वैशाली को मेट्रो से जोड़ने का काम जारी है। परियोजना के तीसरे चरण में [[राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र]] के शहरों [[गाजियाबाद]], [[फरीदाबाद]] इत्यादि को भी जोड़ने की योजना है। इस रेल व्यवस्था के चरण I में मार्ग की कुल लंबाई लगभग ६५.११ किमी है जिसमे १३ किमी भूमिगत एवं ५२ किलोमीटर एलीवेटेड मार्ग है। चरण II के अंतर्गत पूरे मार्ग की लंबाई १२८ किमी होगी एवं इसमें ७९ स्टेशन होंगे जो अभी निर्माणाधीन हैं, इस चरण के २०१० तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।<ref>
दिल्ली के २०२१ मास्टर प्लान के अनुसार बाद में मेट्रो रेल को दिल्ली के उपनगरों तक ले जाए जाने की भी योजना है।
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