"हिमाचल प्रदेश": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Wikilover90 (वार्ता | योगदान) |
Wikilover90 (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 69:
=== नदियां ===
हिमाचल प्रदेश में पांच प्रमुख नदियां बहती हैं। हिमाचल प्रदेश में बहने वाले पांचों नदियां एवं छोटे-छोटे नाले बारह मासी हैं। इनके स्रोत बर्फ से ढकी पहाडि़यों में स्थित हैं। हिमाचल प्रदेश में बहने वाली पांच नदियों में से चार का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। उस समय ये अन्य नामों से जानी जाती थीं जैसे अरिकरी ([[चिनाब]]) पुरूष्णी ([[रावी नदी|रावी]]), अरिजिकिया ([[ब्यास नदी|ब्यास]]) तथा शतदुई ([[सतलुज नदी|सतलुज]]) पांचवी नदी यमुना जो यमुनोत्तरी से निकलती है उसका सूर्य देव से पौराणिक संबंध दर्शाया जाता है।
'''रावी नदीः''' रावी नदी का प्राचीन नाम ‘इरावती और परोष्णी’ है। रावी नदी मध्य [[हिमालय]] की धौलाधार शृंखला की शाखा बड़ा भंगाल से निकलती है। रावी नदी ‘भादल’ और ‘तांतागिरि’ दो खड्डों से मिलकर बनती है। ये खड्डें बर्फ पिघलने से बनती है। यह नदी चंबा से खेड़ी के पास [[पंजाब (भारत)]] में प्रवेश करती है और [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] से [[पाकिस्तान]] में प्रवेश करती है। यह [[भरमौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश|भरमौर]] और [[चंबा]] शहर में बहती है। यह बहुत ही उग्र नदी है। इसकी सहायक नदियां तृण दैहण, बलजैडी, स्यूल, साहो, चिडाचंद, छतराड़ी और बैरा हैं। इसकी लंबाई 720 किलोमीटर है, परंतु हिमाचल में इसकी लंबाई 158 किलोमीटर है। सिकंदर महान के साथ आए यूनानी इतिहासकार ने इसे ‘हाइड्रास्टर और रहोआदिस’ का नाम दिया था।
|