"अरुणाचल प्रदेश": अवतरणों में अंतर

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== जनसाँख्यिकी ==
[[File:Nishi tribal lightened.jpg|left|thumb|200px|निशि जनजाति का एक पुरुष अपनी पारम्परिक वेशभूषा में।]]
63% अरुणाचल वासी 19 प्रमुख [[जनजाति|जनजातियों]] और 85 अन्य जनजातियों से संबद्ध हैं। इनमें से अधिकांश या तो तिब्बती-बर्मी या ताई-बर्मी मूल के हैं। बाकी 35 % जनसंख्या आप्रवासियों की है, जिनमें 31000 [[बंगाली]], [[बोडो]], [[हजोन्ग]], [[बांग्लादेश]] से आये [[चकमा लोग|चकमा]] [[शरणार्थी]] और पड़ोसी [[असम]], [[नागालैंड]] और भारत के अन्य भागों से आये प्रवासी शामिल हैं। सबसे बडी़ जनजातियों मे [[आदि]], [[गालो]], [[निशि]], [[खम्ति]], [[मोंपा]] और [[अपातनी]] प्रमुख हैं।
 
राज्य की साक्षरता दर 1991 में 41.59 % से बढ़कर 54.74 % हो गयी। 487796 व्यक्ति साक्षर है। भारत सरकार की 2001 की जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि अरुणाचल की 20% जनसंख्या के प्रकृतिधर्मी हैं, जो जीववादी धर्म जैसे [[डोन्यी-पोलो]] और [[रन्गफ्राह]] का पालन करते है। [[मिरि]] और [[नोक्ते]] लोगों को मिलाकर 29 प्रतिशत [[हिंदू]] हैं।<ref>{{cite web|url=https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/how-churches-in-arunachal-pradesh-are-facing-resistance-over-conversion-of-tribals/articleshow/61703687.cms|title=How churches in Arunachal Pradesh are facing resistance over conversion of tribals}}</ref> राज्य की 13% जनसंख्या [[बौद्ध]] है। तिब्बती बौद्ध धर्म मुख्यतः [[तवांग]], पश्चिम कामेंग और [[तिब्बत]] से सटे क्षेत्रों मे प्रचलित है। थेरावाद बौद्ध धर्म का [[बर्मा|बर्मी सीमा]] के निकट रहने वाले समूहों द्वारा पालन किया जाता है। लगभग 19% आबादी [[ईसाई]] [[धर्म]] की अनुयायी है।