"शैवाल": अवतरणों में अंतर
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(२) '''यूग्लीनोफाइसिई''' - ये मीठे पानी या खारे पानी में पाए जाते हैं। बहुधा एकाकी और स्वतंत्र रूप में भ्रमणशील अथवा स्थिर रहते हैं। इनमें पौधों तथा जानवरों के गुण विद्यमान रहते हैं। कोशिका में केंद्रक तथा कशाभिका विद्यमान रहती है। जनन विभाजन द्वारा होता है।
(३) '''क्लोरोफाइसिई
(४) '''ज़ैंथोफाइसिई''' - इन शैवालों में पर्णपीत (xanthophyll) रंग विद्यमान रहता है। स्टार्च के अतिरिक्त तैल पदार्थ भोज्य पदार्थ के रूप में रहता है। कशाभिका दो होती हैं, जो लंबाई में समान नहीं होतीं। लैंगिक जनन बहुधा नहीं होता। यदि होता है, तो समयुग्मक ही होता है। कोशिका की दीवार में दो सम या असम विभाजन होते हैं।
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