"तमस (उपन्यास)": अवतरणों में अंतर

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'''तमस''' [[भीष्म साहनी]] का सबसे प्रसिद्ध [[उपन्यास]] है। वे इस उपन्यास से [[साहित्य]] जगत में बहुत लोकप्रिय हुए थे। तमस को १९७५ में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] से भी सम्मानित किया गया था।<ref>{{cite web |url= http://www.bbc.co.uk/hindi/southasia/030711_bhishm_died_mk.shtml|title= भीष्म साहनी का अंतिम संस्कार|access-date=[[३० अक्तूबर]] [[२००८]]|format= पीएचपी|publisher= बीबीसी|language=}}</ref> इस पर १९८६ में गोविंद निहलानी ने [[दूरदर्शन]] [[धारावाहिक]] तथा एक फ़िल्म भी बनाई थी।<ref>{{cite web |url= http://hindi.webdunia.com/entertainment/film/gossip/0801/02/1080102023_1.htm|title= गोविंद निहलानी एनिमेशन के मैदान में|access-date=[[३० अक्तूबर]] [[२००८]]|format= एचटीएम|publisher= वेबदुनिया|language=}}</ref>
 
'तमस' की कथा परिधि में अप्रैल १९४७ के समय में पंजाब के जिले को परिवेश के रूप में लिया गया है। 'तमस' कुल पांच दिनों की कहानी को लेकर बुना गया उपन्यास है। परंतु कथा में जो प्रसंग संदर्भ और निष्कर्ष उभरते हैं, उससे यह पांच दिवस की कथा न होकर बीसवीं सदी के हिंदुस्तान के अब तक के लगभग सौ वर्षोवर्षों की कथा हो जाती है।
यों संपूर्ण कथावस्तु दो खंडों में विभाजित है। पहले खंड में कुल तेरह प्रकरण हैं। दूसरा खंड गांव पर केंद्रित है। 'तमस' उपन्यास का रचनात्मक संगठन कलात्मक संधान की दृष्टि से प्रशंसनीय है। इसमें प्रयुक्त संवाद और नाटकीय तत्व प्रभावकारी हैं। भाषा हिन्दी, उर्दू, पंजाबी एवं अंग्रेजी के मिश्रित रूप वाली है। भाषायी अनुशासन कथ्य के प्रभाव को गहराता है। साथ ही कथ्य के अनुरूप वर्णनात्मक, मनोविशेषणात्मक एवं विशेषणात्मक शैली का प्रयोग सर्जक के शिल्प कौशल को उजागर करता है।<ref>{{cite web |url= http://www.taptilok.com/pages/details.php?cat_sl_no=0&detail_sl_no=13|title= भीष्म साहनी का तमस|access-date=[[३० अक्तूबर]] [[२००८]]|format= पीएचपी|publisher= ताप्तीलोक|language=}}</ref>