"दार्जिलिंग": अवतरणों में अंतर

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}}</ref> भारत में [[ब्रिटिश राज]] के दौरान दार्जिलिंग की समशीतोष्ण जलवायु के कारण से इस जगह को [[पर्वतीय स्थल]] बनाया गया था। ब्रिटिश निवासी यहां गर्मी के मौसम में गर्मी से छुटकारा पाने के लिए आते थे।
 
दार्जिलिंग अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर यहां की [[दार्जिलिंग चाय]] के लिए प्रसिद्ध है। दार्जिलिंग की [[दार्जिलिंग हिमालयी रेल|दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे]] एक [[युनेस्को]] विश्व धरोहर स्थल तथा प्रसिद्ध स्थल है। यहां की चाय की खेती १८०० की मध्य१८५६ से शुरु हुई थी। यहां की चाय उत्पादकों ने काली चाय और फ़र्मेन्टिंग प्रविधि का एक सम्मिश्रण तैयार किया है जो कि विश्व में सर्वोत्कृष्ट है।<ref name=teabest>{{cite news
|url = http://www.deccanherald.com/deccanherald/jun172005/living1150492005616.asp |title = Champagne among teas |work = डेक्कन हेराल्ड |publisher = The Printers (Mysore) Private Ltd. |date = 17 जून 2005 |accessdate =2006-07-18 }}</ref> दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जो कि दार्जिलिंग नगर को समथर स्थल से जोड़ता है, को १९९९ में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। यह वाष्प से संचालित यन्त्र भारत में बहुत ही कम देखने को मिलता है।