"संस्कृत भाषा": अवतरणों में अंतर

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संस्कृत भारत की कई लिपियों में लिखी जाती रही है, लेकिन आधुनिक युग में '''[[देवनागरी लिपि]]''' के साथ इसका विशेष संबंध है। देवनागरी लिपि वास्तव में संस्कृत के लिये ही बनी है, इसलिये इसमें हर एक चिह्न के लिये एक और केवल एक ही ध्वनि है। देवनागरी में १३ [[स्वर]] और ३३ [[व्यंजन]] हैं। देवनागरी से [[रोमन लिपि]] में [[लिप्यन्तरण]] के लिये दो पद्धतियाँ अधिक प्रचलित हैं : IAST और ITRANS. शून्य, एक या अधिक व्यंजनों और एक स्वर के मेल से एक [[अक्षर]] बनता है।
 
<center>[[चित्र:संस्कृत वाक्यांश.png]]<br />'''संस्कृत, क्षेत्रीय लिपियों में लिखी जाती रही है।'''</center></span>
 
=== स्वर ===
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* [http://www.sanskrit.nic.in/Thesis_Modified/Thesis-E-H/H_f/myweb10/index.htm भारतीय विश्वविद्यालयों में संस्कृत पर आधारित शोध प्रबन्धों की निर्देशिका] (राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान)
* [http://groups.google.com/group/samskrita संस्कृत गूगल समूह]
*[https://sanskritscript.blogspot.com/2019/03/importance-of-sanskrit-language.html संस्कृत भाषा का महत्व]
*[https://sanskritscript.blogspot.com/2019/03/origin-of-sanskrit-language-history-of.html संस्कृत भाषा की उत्पत्ति]
*[https://sanskritscript.blogspot.com/2019/03/how-sanskrit-word-originated-in-hindi.html संस्कृत शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई]
 
=== संस्कृत संसाधन ===