"भूत-प्रेत": अवतरणों में अंतर
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'''भूत-प्रेत''' [[लोककथा]] और संस्कृति में अलौकिक प्राणी होते हैं जो किसी मृतक की [[आत्मा]] से बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस किसी की मृत्यु से पहले कोई [[इच्छा]] पूर्ण नहीं हो पाती और वो [[पुनर्जन्म]] के लिये [[स्वर्ग]] या [[नरक]] नहीं जा पाते वो भूत बन जाते हैं। इसका कारण हिंसक मृत्यु हो सकती है, या मृतक के जीवन में अनिश्चित मामलों होते हैं या उनकी [[अंत्येष्टि]] उचित संस्कार से नहीं की गई होती हैं।
भूत-प्रेत में विश्वास पीढ़ियों से भारत के लोगों के दिमाग में गहराई से जुड़ा हुआ है और यह आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विकास के युग में अभी भी बना हुआ है। भारत में कई कथित तौर पर भूत से पीडित स्थान हैं, जैसे कि जीर्ण इमारतें, शाही मकान, किले, बंगले, घाट आदि। कई फ़िल्मों का निर्माण इसपर किया जा चुका हैं। [[मुहावरा|मुहावरें]] के रूप में भी इनका प्रयोग होता हैं, जैसे: भूत सवार होना, भूत उतारना, भूत लगना,
==इन्हें भी देखें==
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