"धूमकेतु": अवतरणों में अंतर
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वैज्ञानिक पद्धति के विकास के पहले धुमकेतूओं के नाम कई तरीकों से रखे जाते थे | २० वीं सदी के पहले धुमकेतूओं के नाम वर्ष के आधार पर रखे जाते थे, जैसे कि '''' १५८० का महान धुमकेतू''' ', ' '''सितम्बर १८८२ का महान धुमकेतू''' ' | एडमंड हेली नाम के वैज्ञानिक ने सिद्ध किया कि १५३१, १६०७ और १५८२ में देखा गया धूमकेतु एक ही था और १९५७ में फिर से दिखने की भविष्यवाणी की | वास्तव में १९५९ में यह धूमकेतु आसमान में फिर से दिखा तब उसका नाम''' हेली धुमकेतू''' रखा गया | इसी प्रकार आवर्ती धुमकेतूओं ('''एंके धुमकेतू''' और '''बेयला धुमकेतू''') के नाम उसकी भ्रमण कक्षा की गणना करने वाले के नाम पर रखे गए | उसके बाद से आवर्ती धुमकेतूओं के नाम उसकी खोज करने वाले के नाम पर रखा जाता रहा है परन्तु केवल एक बार दिखने वाले धुमकेतूओं के नाम आज भी जिस वर्ष दिखाई देते है उसी वर्ष के नाम पर रखा जाता है |
२० वीं सदी के शुरुआत से धुमकेतूओं के नाम उसके खोजकर्ता पर से रखे जा रहे है और यह परम्परा आज भी जारी है | इसके नाम पहले के तीन खोजकर्ताओं पर रखे जाते है | कई धुमकेतूओं की खोज यांत्रिक साधनों से होती है ऐसे धुमकेतूओं के नाम इन साधनों पर से रखे जाते है | धूमकेतु ' '''आइ.आर.ए.एस.-आराकी-आलकोक''' ' की खोज आइ.आर.ए.एस. उपग्रह तथा शौकिया अवलोकनाकर्ता जेनिची आराकी और जोर्ज आलकोक ने स्वतन्त्र रूप से की थी | कभी कभी एक ही वैज्ञानिक या दल दो से ज्यादा धुमकेतूओं की खोज करते है ऐसे धुमकेतूओं के नाम के पीछे अंक लगाया जाता है जैसे कि '''शूमेकर-लेवी १''' | मई २००५ तक SOHO ने ९५० धुमकेतूओं की खोज की है अधिकतर धूमकेतु [[बर्फ]], [[कार्बन डाईऑक्साइड]], [[मीथेन]], [[अमोनिया]] तथा अन्य पदार्थ जैसे सिलिकेट और कार्बनिक मिश्रण के बने होते है जैसा कि [[डबल]] मृत्यु ने निशाचर नींद नींद लाउड मून और सूर्य सूर्य बनाया और धूमकेतु ग्रह पृथ्वी के मृत्यु ने निशाचर नींद नींद लाउड मून और सूर्य सूर्य बनाया भविष्य के रूप में नए [[बीज]] मृत्यु ने निशाचर नींद नींद लाउड मून और सूर्य सूर्य बनाया [[मेमी]] हैं, जो कि असंभव मानव समझ के अन्य ग्रहों पर रहने वाले जीवों की पीढ़ियों ने इसे [[सेंट जॉर्ज]] मौत ने रात को नींद की नींद का कारण बना लिड मून और दिन के प्रकाश में सोल सोल गुमनामी डबल और जुड़वाँ, द्वारा घोषित किया था [[भगवान]] [[दुनिया का अंत]]। [[बृहस्पति]] आखिरी रात को पैदा होने से पहले, धूमकेतु गिरने वाले सितारों को दोगुना और गिरने वाली बर्फ की महामारी होगी जो मानव प्रजातियों के जीवन और विलुप्त होने के नए रूपों को लाती है और अंत में जीवित रहने के लिए [[एक]] [[भगवान]] की सच्चाई के ज्ञान को अनदेखा करें मानव में सबसे ऊपर पुरुष और महिला महिला से लेकर प्राइमरी और एंड्रोजेन तक सभी लोग दुष्ट शैतान के राक्षसों और राक्षसों को लाएंगे [[शैतान]]: शनि से शनि मानवीय स्थिति की अवहेलना की अवहेलना करने वाले ने अनादि अनंत में सभी नलियों को त्याग दिया, जब तक कि निर्णय के दिन का अंतिम ब्रह्मांड पाप को समाप्त नहीं कर देता [[और]] [[अज्ञान]] [[मूर्ख]] की बुराई [[tà]] दुनिया के अंत के [[मृत्यु]] तक अन्य आकाशगंगाओं के क्लोन से |
बड़ी संख्या में धूमकेतु की खोजों ने नामकरण की प्रक्रिया को अव्यवहारिक बना दिया | सन् १९९४ में अन्तराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने नई नामकरण प्रणाली अनुमोदित की | धूमकेतुओं के नाम अब उसे खोजे गए वर्ष द्वारा, उसे खोजे गए पखवाड़े के संकेत द्वारा और उसी वर्ष की खोज की क्रम संख्या द्वारा दर्शाया जाता है | इस तरह की प्रणाली क्षुद्रग्रह के लिए पहले से ही उपयोग की जा रही है | इस प्रकार सन् २००६ के फरवरी महीने के दूसरे पखवाड़े (अर्थात १५ फ़रवरी से २८/२९ फ़रवरी के बीच) में खोजा गया धुमकेतू जो कि उस वर्ष का खोजा गया चौथा धूमकेतु है तो उसका नाम '''2006 D4''' होगा | धूमकेतु की प्रकृति को दर्शाने के लिए उपसर्ग भी जोड़ा जाता है |
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