"शब्दशक्ति": अवतरणों में अंतर
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=== अभिधा===
वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।
;उदाहरण: हिन्दी एक भाषा है।
;वाक्य का अर्थ और भावार्थ: यहाँ वाक्य का अर्थ साधारण है। चूँकि [[हिन्दी]] एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है।
=== लक्षणा===
{{main|लक्षणा}}
यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी [[संज्ञा]] अथवा [[सर्वनाम]] की [[विशेषण|विशेषता]] प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ
;उदाहरण: रामू शेर है।
;वाक्य का अर्थ और भावार्थ: यहाँ दिया गया वाक्य एक लघु वाक्य है और इसका अर्थ सामान्य नहीं है। अर्थात रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है।
=== व्यंजना===
व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।
;उदाहरण: सुबह के 08:00 बज गये।
;वाक्य का अर्थ और भावार्थ: यहाँ वाक्य साधारण है लेकिन इसका प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न अर्थ है। जैसे एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब
== मिश्रित वाक्य ==
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