"वैष्णव सम्प्रदाय": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Ka टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
छो Reverted 1 edit by 157.37.173.98 (talk) to last revision by Vermont. (TW) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
||
पंक्ति 2:
इसके अन्तर्गत चार सम्प्रदाय मुख्य रूप से आते हैं।
पहले हैं आचार्य रामानुज, निमबार्काचार्य, बल्लभाचार्य, माधवाचार्य।
इसके अलावा उत्तर भारत में आचार्य रामानन्द भी वैष्णव सम्प्रदाय के आचार्य हुए और चैतन्यमहाप्रभु भी वैष्णव आचार्य है जो बंगाल में हुए। रामान्दाचार्य जी ने सर्व धर्म समभाव की भावना को बल देते हुए कबीर, रहीम सभी वर्णों (जाति) के व्यक्तियों को भक्ति
रामानंदाचार्य जी ने भक्ति के लिए सभी वर्ण और जाति के लिए मार्ग खोला,परंतु उन्होंने वर्ण व्यवस्था अनुरूप दो अलग अलग परंपरा चलायी।जय हरी
वैष्णव धर्म के अंदर भक्ति का प्रमुख स्थान है
|