"बायोगैस": अवतरणों में अंतर

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==बायोगैस पाँक (स्लरी)==
बायोगैस संयंत्र में गोबर की पाचन क्रिया के बाद 25% ठोस पदार्थ का रूपान्तर गैस के रूप में होता है और 75% ठोस पदार्थ का रूपान्तर खाद के रूप में होता है। 2 घन मीटर के गैस संयंत्र में जिसमें करीब 50 किलो गोबर रोज या 18-25 टन गोबर एक वर्ष में डाला जाता है, उस गोबर से 80% नमीयुक्त करीब 10 टन बायोगैस स्लरी का खाद प्राप्त होता है।
 
यह खेती के लिये अति उत्तम खाद होता है इसमें [[नाइट्रोजन]] 1.5 से 2% [[फास्फोरस]] 1.0% एवं [[पोटाश]] 1.0% तक होता है। बायोगैस संयन्त्र से जब स्लरी के रूप में खाद बाहर आता है तब जितना नाइट्रोजन [[गोबर]] में होता है उतना ही नाइट्रोजन स्लरी में भी होता है, परन्तु संयन्त्र में पाचन क्रिया के दौरान कार्बन का रूपान्तर गैस में होने से कार्बन का प्रमाण कम होने से कार्बन नाइट्रोजन अनुपात कम हो जाता है व इससे नाइट्रोजन का प्रमाण बढ़ा हुआ प्रतीत होता है।
 
बायोगैस संयन्त्र से निकली पतली स्लरी में 20% नाइट्रोजन अमो. निकल नाइट्रोजन के रूप में होता है अतः यदि इसका तुरन्त उपयोग खेत में नालियाँ बनाकर अथवा सिंचाई के पानी में मिलाकर खेत में छोड़ दिया जाए तो इसका लाभ रासायनिक खाद की तरह से फसल पर तुरन्त होता है और उत्पादन में 10 से 20 PERCENT BENIFIT RECEIVE HOTA HAI