"रूसो": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Jean-Jacques Rousseau (painted portrait).jpg|right | thumb | महान दार्शनिक '''रूसो''']]
 
'''जीन-जक्क़ुएस रूसो''' (1712 - 78) की गणना पश्चिम के युगप्रवर्तक विचारकों में है।रुसेव जननेवा का रहन वाला था.
'''जीन-जक्क़ुएस रूसो''' (1712 - 78) की गणना पश्चिम के युगप्रवर्तक विचारकों में है। किंतु अंतर्विरोध तथा विरोधाभासों से पूर्ण होने के कारण उसके दर्शन का स्वरूप विवादास्पद रहा है। अपने युग की उपज होते हुए भी उसने तत्कालीन मान्यताओं का विरोध किया, बद्धिवाद के युग में उसने बुद्धि की निंदा की ([[विश्वकोश]] के प्रणेताओं (Encyclopaedists) से उसका विरोध इस बात पर था) और सहज मानवीय भावनाओं को अत्यधिक महत्व दिया। '''[[सामाजिक संविदा|सामाजिक प्रसंविदा]]''' (सोशल कंट्रैक्ट) की शब्दावली का अवलंबन करते हुए भी उसने इस सिद्धांत की अंतरात्मा में सर्वथा नवीन अर्थ का सन्निवेश किया। सामाजिक बंधन तथा राजनीतिक दासता की कटु आलोचना करते हुए भी उसने राज्य को नैतिकता के लिए अनिवार्य बताया। आर्थिक असमानता और व्यक्तिगत संपत्ति को अवांछनीय मानते हुए भी रूसो [[साम्यवाद|साम्यवादी]] नहीं था। घोर व्यक्तिवाद से प्रारंभ होकर उसे दर्शन की परिणति समष्टिवाद में होती है। स्वतंत्रता और जनतंत्र का पुजारी होते हुए भी वह [[राबेसपीयर]] जैसे निरंकुशतावादियों का आदर्श बन जाता है।
 
== मुख्य रचनाएँ ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रूसो" से प्राप्त