"नाग (वंश)": अवतरणों में अंतर
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भारत भूमि विभिन्न मानवीय जातियो तथा संस्कृतियों का अजायब घर है। नाग जातियां अपनी मानवीय विशेषताओ के चलते सम्पूर्ण भारत मे पूजनीय रही है।
ये महर्षि कश्यप वंशज थे। प्राचीन पुराने में इनके उत्पन्न होने की कथा है के सर्वशक्तिमान ईश्वर "शिव "नाम से सभी मनुष्यों समान रूप से विद्यमान है जो नारी में श्रद्धा रूप में तथा परुषों में विश्वास रूप में होता है। 'भगवान शिव'नाग जातियो के सभी वंशो के पूजनीय है।भगवान शिव पर विश्वास कर उनकी पूजा करने वालो को शैवधर्मी तथा ऐसे धर्म को शैवधर्म कहते है,तथा इस धर्म से सम्बंधित ग्रन्थों को शैव धर्मशास्त्र कहते है। शैवधर्म शुद्ध वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक धर्म है जो मनुष्य को मानवता और आध्यात्मिकता के उच्च गुण की ओर ले जाकर मनुष्य का कल्याण करने वाला है।शैव धर्मशास्त्रो में 'शिव 'ने मनुष्य को ही श्रेष्ठ माना है।शैवधर्म और वैष्णव धर्म हमेशा ही प्रतिद्वंद्वी रहे है।शैवधर्म ,जहाँ लोकधर्म जनसामान्य का धर्म रहा है वही वैष्णव धर्म राजसी और व्यापारियों का धर्म रहा है।शैवशास्त्रों में वर्णन है कि जब कलियुग में वैष्णव धर्मी संरक्षक भगवान विष्णु नर रूप में ब्राह्मण के घर अवतार लेंगे तब भगवान शिव के गण शैवधर्म की शिक्षाओं का प्रसार कर रहे होंगे। नाग जाति के लोग शिव के अतिरिक्त किसी को अपना आराध्य नही मानते है। प्राचीन [[शैव सम्प्रदाय|शैव ग्रंथों]] में नाग कबीले अत्यन्त समृद्ध और शक्तिशाली बताये गए है।जिन्होंने पूरे विश्व मे नाग सभ्यता व संस्कृति को फैलाया है।नाग सभ्यता में बैल नागों का पवित्र पशु माना जाता था।भारत मे नाग जातियां प्राचीन काल से निवास कर रही है जो विभिन्न नामों से भारत के अलग अलग भागो में पायी जाती है।विश्व मे नागो के कुल पांच वंशो में तक्षक(टाक)नागकुल के लोग भारत मे बहुतायत में निवास
कालगति पाकर "दण्डपाशिक" जनो ने शक्ति शाली होकर भारत के विभिन्न प्रांतों में अपने राज्य स्थापित कर लिए तथा "राजपासी" बनकर अवध प्रान्त की सत्ता अपने हाथों में ले ली। नागजनों ने अलग अलग जातीय नामो से भारत पर सत्ता हासिल कर ली तथा "दंडपाशिक"से "राजपासी"बनकर अवध प्रान्त में नागजनो ने पुनः केंद्रीय शासन हासिल कर प्राणप्रिय जनता को नागलोक के समस्त सुख दिए तथा तथा अवध प्रान्त को महान "राजपासी" राजाओ की मातृभूमि होने का गौरव प्राप्त हुआ।जिसे नाग जनो की महिलाएं आज भी अपने मांगलिक कार्यों में याद करती है।
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