"राफेल सौदा विवाद": अवतरणों में अंतर

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==पृष्ठभूमि==
31 जनवरी 2012 को, भारतीय [[रक्षा मंत्रालय (भारत)|रक्षा मंत्रालय]] ने घोषणा की कि [[डसॉल्ट राफेल]] [[भारतीय वायु सेना]] को 126 एयरक्राफ्ट की आपूर्ति करेगा इसके अथवा ६३ अतिरिक्त विमानों खरीदने का विकल्प देगा ।देगा। पूर्व की कांग्रेस सरकार में पहले 18 विमानों को [[डसॉल्ट राफेल]] द्वारा आपूर्ति की जानी थी और शेष 108 विमानों का निर्माण [[हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड| हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)]] द्वारा किया जाना था ।था। [[डसॉल्ट राफेल|डेसॉल्ट]] से प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के साथ। [[डसॉल्ट राफेल]] को सबसे कम बोली लगाने वाले के आधार पे में चुना गया था ।था। परन्तु सौदों को लेकर कांग्रेस सरकार किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाई ।पाई। मोदी सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा फ़्रांस की यात्रा के दौरान इस डील को आगे बढ़ाते हुए दोनों देशो ने इस पर अपनी सहमति दे दी ।दी।
 
==[https://raijeee.blogspot.com/2018/09/rafale-aircraft-deal.html संदर्भ]==