(5) यदि महिला वर्ग इस व्यवसाय में आते है तो ज्यादा फायदे है क्योकि मोती के आभूषण के साथ साथ मदर ऑफ़ पर्ल (Shell jewellery) का भी फायदा ले सकते है
(6) आसपास के लोगो को रोजगार
== '''कहां ले सकते हैं प्रशिक्षण''' ==
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर, भुवनेश्वर (ओड़ीसा) में मोती की खेती का 5 दिन का सशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन यह साल मे 20-30 लोगों को ही प्रशिक्षित कर पा रहा है । कुछेक नौशिखिय इसका फायदा उठाने हैं और गलत सलत जानकारी देकर मोटी रकम बसूल रहे हैं, इनसे प्रशिक्षण लेकर युवा मोतीकी खेती नहीं कर पाते हैं ।
मोती की खेती की सही जानकारी तथा प्रशिक्षण के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर, भुवनेश्वर के बाद '''इण्डियन पर्ल फार्म एण्ड ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट खुरजा''' जो ग्रेटर नोएडा के पास है, एक बेहतरीन और विश्वसनीय संस्था है जो मोती पालन का प्रशिक्षण भी देती है। यह संस्था काम स्टार्ट कराने में ट्रैनी युवाओं की पूरी मदद करती है यहाँ तक कि यह सीप और रोमैटेरियल तक की व्यवस्था कराती है ।
== '''कैसे सम्पर्क करें''' ==
इण्डियन पर्ल फार्म एण्ड ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट
अर्निया मंसूरपुर, जंक्शन रोड़, खुरजा
जिला बुलन्दशहर -203131
मो - 9540883888, 9717443729, 7310743426
बाहरी कड़ियाँ
* [http://www.eprints.cmfri.org.in/6531/ मेबे मोती उत्पादन-आंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक नए उद्योग के विकास की प्रत्याशाएं]
* [http://www.jagran.com/uttar-pradesh/chitrakoot-10080994.html मोती संवारेगा बुंदेली किसानों की तकदीर ]
* हरयाणा के किसान अब पारम्परिक खेती के अलावा कर रहे अब [http://wizard-pearl-farming-training.com मोती की खेती]