"अदरक": अवतरणों में अंतर
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'''अदरक''' ([[वानस्पतिक नाम]]: जिंजिबर ऑफ़िसिनेल / Zingiber officinale), एक भूमिगत रूपान्तरित तना है। यह मिट्टी के अन्दर क्षैतिज बढ़ता है। इसमें काफी मात्रा में भोज्य पदार्थ संचित रहता है जिसके कारण यह फूलकर मोटा हो जाता है। अदरक जिंजीबरेसी कुल का पौधा है। अधिकतर उष्णकटिबंधीय (ट्रापिकल्स) और शीतोष्ण कटिबंध (सबट्रापिकल) भागों में पाया जाता है। अदरक [[दक्षिण एशिया]] का देशज है किन्तु अब यह पूर्वी अफ्रीका और कैरेबियन में भी पैदा होता है। अदरक का पौधा चीन, जापान, मसकराइन और प्रशांत महासागर के द्वीपों में भी मिलता है। इसके पौधे में सिमपोडियल राइजोम पाया जाता है।
सूखे हुए अदरक को '''सौंठ''' (शुष्ठी) कहते हैं। [[भारत]] में यह [[बंगाल]], [[बिहार]], [[चेन्नई]],मध्य प्रदेश [[कोचीन]], [[पंजाब (भारत)|पंजाब]] और [[उत्तर प्रदेश]] में अधिक उत्पन्न होती है। अदरक का कोई बीज नहीं होता, इसके कंद के ही छोटे-छोटे टुकड़े जमीन में गाड़ दिए जाते हैं। यह एक पौधे की जड़ है। यह भारत में एक मसाले के रूप में प्रमुख है।उत्तर प्रदेश में इसे आदी के नाम से जाना जाता है । सर्दी के दिनों में चाय में डाल कर पीने पर शरीर गर्म रहती है।अदरक के अर्क व शहद को मिलाकर सेवन करने से खांसी में लाभ होता है।इसी प्रकार अदरक व नमक मिला कर चूसने पर गला सुरीला होता है। जिन लोगों को ठीक से भूख नहीं लगती उन्हें लहसुन अदरक की चटनी का सेवन बेहद लाभप्रद है
==अदरक का अन्य उपयोग==
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