"बीस साल बाद (1988 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
किरन ([[मीनाक्षी शेषाद्री]]) धनी और विधुर ठाकुर ([[अनुपम खेर]]) की इकलौती संतान हैं। जबकि वह ब्रिटेन में रहती है, उसके पिता ग्रामीण भारत में एक महलनुमा घर में रहते हैं। जब उसके घर लौटने का समय होता है, तो उसके पिता उसे लेने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचते हैं और उसे एक युवक के साथ देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं। वह बाद में उसे अपने पति सूरज ([[मिथुन चक्रवर्ती]]) के रूप में परिचित कराती है। सूरज को देखकर लगे झटके पर ठाकुर काबू पा लेता है और उसका स्वागत करता है।
 
गाड़ी चलाते समय सूरज सफेद रंग की एक महिला को सड़क पर चलते हुए देखता है, लेकिन ड्राइवर समय पर गाड़ी को रोक नहीं पाता है। वे कार से उतरते हैं और ध्यान देते हैं कि सड़क पर कोई नहीं है। उस रात, सूरज को सफेद कपड़े में महिला के बारे में सपना आता है जो उसे उसके पास बुला रही है। वह यह दावा करती है कि वह पिछले जन्म से उसकी पत्नी निशा है। अपनी जादुई शक्तियों का उपयोग करते हुए, वह [[अमावस्या]] की रात को सूरज के पैरों में एक कील लगा देती है। उसे बस इतना करना होता है कि अगले नए चाँद की प्रतीक्षा करें, फिर सूरज के दूसरे पैर में एक और कील डालें और फिर [[करवाचौथ]] की प्रतीक्षा करें। यही वह दिन है जो उसको पूरी तरह से निशा के नियंत्रण में रखेगा। निशा के पास ठाकुर के बदला लेने की भी एक वजह है। किरन यह सब नहीं देख सकती और वह और उसके पिता तांत्रिक बाबा ([[शक्ति कपूर]]) और भवानी बाबा ([[अमज़द ख़ान]]) की मदद लेते हैं। सवाल बना हुआ है; क्या तांत्रिक और भवानी उनकी सहायता कर पाएंगे या वे भी बुरी आत्मा का शिकार हो जाएंगे?
 
== मुख्य कलाकार ==