"बृहस्पति (ग्रह)": अवतरणों में अंतर

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|arxiv = astro-ph/0403393 }}</ref>अपने तेज [[घूर्णन]] के कारण बृहस्पति का आकार एक चपटा उपगोल ([[भूमध्य रेखा]] के पास चारों ओर एक मामूली लेकिन ध्यान देने योग्य उभार लिए हुए) है। इसके बाहरी वातावरण में विभिन्न अक्षांशों पर कई पृथक दृश्य पट्टियां नजर आती है जो अपनी सीमाओं के साथ भिन्न भिन्न वातावरण के परिणामस्वरूप बनती है। '''बृहस्पति''' के विश्मयकारी 'महान लाल धब्बा' (Great Red Spot), जो कि एक विशाल तूफ़ान है, के अस्तित्व को १७ वीं सदी के बाद तब से ही जान लिया गया था जब इसे पहली बार [[दूरबीन]] से देखा गया था। यह [[ग्रह]] एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र और एक धुंधले ग्रहीय वलय प्रणाली से घिरा हुआ है। बृहस्पति के कम से कम ७९(२०१८ तक) [[बृहस्पति के प्राकृतिक उपग्रह|चन्द्रमा]] है। इनमें वो चार सबसे बड़े चन्द्रमा भी शामिल है जिसे गेलीलियन चन्द्रमा कहा जाता है जिसे सन् १६१० में पहली बार [[गैलीलियो गैलिली]] द्वारा खोजा गया था। [[गैनिमीड (उपग्रह)|गैनिमीड]] सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका [[व्यास]] [[बुध]] ग्रह से भी ज्यादा है। यहाँ चन्द्रमा का तात्पर्य [[उपग्रह]] से है।
 
बृहस्पति का अनेक अवसरों पर रोबोटिक अंतरिक्ष यान द्वारा, विशेष रूप से पहले [[पायोनियर]] और [[वॉयजर]] मिशन के दौरान और बाद में [[गैलिलियो यान]] के द्वारा, अन्वेषण किया जाता रहा है। फरवरी २००७ में ''[[न्यू होराएज़न्ज़]]'' प्लूटो सहित बृहस्पति की यात्रा करने वाला अंतिम [[अंतरिक्ष यान]] था। इस यान की गति बृहस्पति के [[गुरुत्वाकर्षण]] का इस्तेमाल कर बढाई गई थी। इस बाहरी ग्रहीय प्रणाली के भविष्य के अन्वेषण के लिए संभवतः अगला लक्ष्य यूरोपा चंद्रमा पर बर्फ से ढके हुए तरल सागर शामिल हैं। इसके उपग्रहों की संख्या 67 है
 
== गठन ==