"चौपाई": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 2:
गोस्वामी तुलसीदास ने [[रामचरित मानस]] में चौपाइ छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में १६-१६ मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।
 
== सन्दर्भ == चौपाई
{{टिप्पणीसूची}} चौपाई यह एक सम मात्रिक छंद है इसमें चार चरण होते हैं प्रत्येक चरण में 1616 मात्राएं होती है इसके आधे हिस्से को अर्धाली कहते हैं इसमें पहले कि दूसरे से और तीसरे की चौथे से तुक मिलती है
{{टिप्पणीसूची}}
{{रस छन्द अलंकार}}
 
[[श्रेणी:हिन्दी साहित्य]] उदाहरण: हृदय सिंधु मति सीप सामान स्वाति शारदा कहीं बखान जो बर के बरबरी विचारों वहीं कविता मुक्तामनी चारू
[[श्रेणी:हिन्दी साहित्य]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/चौपाई" से प्राप्त