→संक्षेप
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== संक्षेप ==
यूसुफ ([[राजेश खन्ना]]) अपने व्यवसायी पिता, सफदरजंग ([[इफ़्तेख़ार]]) के साथ एक समृद्ध जीवन शैली जीता है, जो कि [[पहियाकुर्सी]] तक सीमित है। यूसुफ के भतीजे, खालिद उर्फ फिरंगी की शिक्षिका, श्रीमती अल्बर्ट ([[मनोरमा (अभिनेत्री)|मनोरमा]]) उसके बारे में शिकायत करती हैं और चली जाती हैं। अब यूसुफ शबाना ([[लीना चन्दावरकर]]) को काम पर रखता है, जो अपनी दादी के साथ थोड़े समय के लिए उनके साथ रहने के लिए आई थी।
वह अपने पिता की देखभाल के लिए एक नौकर के रूप में खैरुद्दीन ([[प्रदीप कुमार]]) नाम के एक व्यक्ति को काम पर रखता है। यूसुफ और शबाना एक दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं और सफदरजंग और नानी की खुशी के लिए शादी करने का इरादा रखते हैं। शादी की तैयारी चल रही होती है, लेकिन यूसुफ और उसके परिवार को कुछ बातें पता नहीं हैं। एक यह है कि शबाना, नजमा नामक एक तवायफ की बेटी है; और यूसुफ को मारने के लिए खैरूद्दीन ने काम करना शुरू किया है।
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