"भारत की शिक्षा प्रणाली": अवतरणों में अंतर

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भारत में "सर्व शिक्षा अभियान: शिक्षा के छेत्र में एक बहुत ही बड़ा और सराहनीय अभियान हैं। भारत सरकार का ये अभियान देश के हर एक बच्चे चाहे वो किसी भी धर्म और जाती का हो उसके शिक्षा के लिए काम करती हैं, और इस अभियान में बहुत से शिक्षा मित्रों की नियुक्ति भी की गई है जो बच्चों को शिक्षा देने में मदद करेंगे, लेकिन क्या ये अभियान आज की तारीख में पूरी तरह सफल हैं ? क्या हिन्दुस्तान का हर एक बच्चा स्कूल जाता हैं ? क्या हिन्दुस्तान के शिक्षा मित्र बच्चो को शिक्षा दिलाने का कार्य कर पा रहें हैं ? क्या उन बच्चो तक शिक्षा प्राप्ति का सामान जैसे कॉपी, किताब, पेंसिल, बैग आदि पहुँच पा रहा हैं ?
 
शायद नहीं।।।।।नहीं क्योकि बीते 11 मार्च 2018 एवं 18 मार्च 2018 को मैं "राहुल श्रीवास्तव" औऱ मेरे कुछ साथियों ने एक सर्वे किया कि क्या सच में सर्व शिक्षा अभियान हिन्दुस्तान में काम करते हैं या सिर्फ कागजों में बंद हैं, तो हमने पाया की शिक्षा के नाम पे भी देश में भ्रस्टाचार फ़ैला हुवा हैं, अमीरों के बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा औऱ गरीबो के बच्चों के लिए अशिक्षा, बेसिक शिक्षा अधिकारी ओर उनकी टीम किसी तरह का कोई सर्वे नहीं करते की बच्चे आखिर स्कूल क्यों नहीं जा पा रहे है क्या कारण हो सकता हैं, बस अपने अपने कार्यालय में बैठे कुर्सियां तोड़ते हैं, सड़क पे भीख माँगने वाले बच्चे, बाल मजदूरी करने वाले बच्चे स्कूल बिलकुल भी नहीं जाते है क्योकि उनके माँ बाप को इस तरह के अभियान के बारे में पता तक नहीं हैं क्योकि वो खुद अशिक्षित हैं लेकिन उन्हें इन सबके बारे में बताएगा कौन ? बेसिक शिक्षा अधिकारियो का ये कर्त्वय बनता हैं की हर एक गरीब के घर, झुग्गियों में जाके बच्चों के माँ बाप को सर्व शिक्षा अभियान के बारे में अवगत कराये ताकि उनके बच्चों के भविष्य में सुधर आए, ओर देश के हर एक शिक्षित व्यक्ति की भी ये जिम्मेदारी बनती हैं की गरीबों और उनके बच्चों को उनका अधिकार दिलाने में मदद करें।
 
[[चित्र:Perumacheri_AUP_School.JPG|thumb|[[केरल]] का एक प्राथमिक विद्यालय]]
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[प्राचीन भारतीय शिक्षा]]