"कशेरुकी प्राणी": अवतरणों में अंतर

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इस श्रेणी में वे कशेरुकदंडी जंतु आते हैं जिनकी मादा स्तनोंवाली होती हैं। बच्चों के पोषण के लिए स्तनों से दूध स्रावित होता है। नर में [[वृषण]] अंडकोश में स्थित होते हैं। इनके अतिरिक्त स्तनधारियों के शरीर पर बाल पाए जाते हैं; शरीर के मध्य अनुप्रस्थ दिशा में फैला हुआ एक महापट (डायफ्ऱाम, diaphragm) हृदय चतुष्कोठीय तथा कान का बाहरी छिद्र कर्णशुष्कुली से ढका होता है। ये उष्णरक्तीय तथा वायुश्वसनीय प्राणी हैं। इनके लाल रक्तकणों में केंद्रक का अभाव होता है। साधारणतया बच्चे पूर्ण विकसित अवस्था में ही मादा के शरीर से बाहर निकलते हैं। इस श्रेणी के उदाहरण वनचोंचा, चींटोखोर, कंगारू, बकरी, भेड़, गाय, भैंस, कुता, सियार, भालू, शेर, हाथी, ह्वेल, खरगोश, गिलहरी, बंदर तथा मनुष्य इत्यादि हैं।
 
स्तनधारी वर्ग को ३ उप वर्ग में बनताबांटा गया हैं
 
१. प्रोटोथिरिया