"ज़ीनत अमान": अवतरणों में अंतर

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ज़ीनत का फ़िल्मी करियर 1971 में ''[[हलचल (1971 फ़िल्म)|हलचल]]'' में एक छोटी भूमिका के साथ शुरू हुआ।<ref>{{cite news |title=ज़ीनत अमान के बारे में 30 रोचक जानकारियां |url=http://hindi.webdunia.com/bollywood-focus/zeenat-aman-30-interesting-facts-115111800059_1.html |accessdate=26 मार्च 2019 |work=[[वेबदुनिया]] |language=hi}}</ref> ''[[हंगामा (1971 फ़िल्म)|हंगामा]]'' (1971) में उनकी दूसरी संक्षिप्त भूमिका थी; लेकिन दोनों फिल्में असफल रहीं। बाद में [[देव आनन्द]] ने उन्हें ''[[हरे रामा हरे कृष्णा (1971 फ़िल्म)|हरे रामा हरे कृष्णा]]'' (1971) में अपनी बहन का किरदार दिया। ''हरे रामा हरे कृष्णा'' (1971) में, ज़ीनत अमान ने [[आर॰ डी॰ बर्मन]] के गीत "दम मारो दम" की सहायता से, जेनिस के रूप में दर्शकों का दिल जीत लिया।<ref>{{cite news |title=जीनत अमान को प्रपोज करने के लिए देवानंद ने रखी थी पार्टी, यहीं पर मिला था उन्हें सबसे बड़ा धोखा |url=https://www.amarujala.com/photo-gallery/entertainment/bollywood/dev-anand-loves-zeenat-aman-and-wants-to-propose-her?pageId=3 |accessdate=26 मार्च 2019 |work=अमर उजाला}}</ref> उन्होंने [[फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार|फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार]] अर्जित किया।
 
1970 के दशक में, देव-जीनत की जोड़ी को आधा दर्जन फिल्मों में देखा गया; ''[[हीरा पन्ना (1973 फ़िल्म)|हीरा पन्ना]]'' (1973), ''[[इश्क इश्क इश्क (1974 फ़िल्म)|इश्क इश्क इश्क]]'' (1974), ''[[प्रेम शस्त्र (1974 फ़िल्म)|प्रेम शस्त्र]]'' (1974), ''[[वारंट (फ़िल्म)|वारंट]]'' (1975), ''[[डार्लिंग डार्लिंग]]'' (1977) और ''[[कलाबाज़ (1977 फ़िल्म)|कलाबाज़]]'' (1977)। इनमें से, ''वारंट'', बॉक्स ऑफिस पर सबसे बड़ी सफलता थी। 1973 की ''[[यादों की बारात]]'' में "चुरा लिया है तुमने" गीत से भी वह बहुत लोकप्रिय हुई।
 
1978 में ''शालीमार'' और ''[[सत्यम शिवम सुन्दरम]]'' जैसी उनकी फिल्में तो फ्लॉप रही। लेकिन ''[[हीरालाल पन्नालाल (1978 फ़िल्म)|हीरालाल पन्नालाल]]'' और ''[[चोर के घर चोर (१९७८ फ़िल्म)|चोर के घर चोर]]'' उनकी सफल फिल्म रही। ''[[डॉन (1978 फ़िल्म)|डॉन]]'' (1978) भी उनकी सफल फिल्मों में से एक रही। उन्होंने ''[[धरम वीर]]'' (1977), ''[[छलिया बाबू (1977 फ़िल्म)|छलिया बाबू]]'' (1977), ''द ग्रेट गैम्बलर'' (1979), ''[[कुर्बानी (1980 फ़िल्म)|कुर्बानी]]'' (1980), ''अलीबाबा और चालीस चोर'', ''[[दोस्ताना (1980 फ़िल्म)|दोस्ताना]]'' (1980) और ''[[लावारिस (1981 फ़िल्म)|लावारिस]]'' (1981) जैसी हिट फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा।