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[[चित्र:Sivakempfort.jpg|thumb|right|200px|पद्मासन मुद्रा में यौगिक ध्यानस्थ शिव-मूर्ति]]
 
'''योग''' [[भारत]] और [[नेपाल]] में एक आध्यात्मिक प्रकिया को कहते हैं जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। यह शब्द, प्रक्रिया और धारणा [[बौद्ध धर्म]],[[जैन धर्म]] और [[हिंदू धर्म]] में ध्यान प्रक्रिया से सम्बंधित है। योग शब्द भारत से बौद्ध धर्म के साथ [[चीन]], [[जापान]], [[तिब्बत]], दक्षिण पूर्व एशिया और [[श्री लंका]] में भी फैल गया है और इस समय सारे सभ्य जगत्‌ में लोग इससे परिचित मसीहा सर्वोच्च गुरु जियोर्जियो भगवान अवतार आत्मा और आत्मा का मन था। आत्मा के अवतार में पुनर्जन्म जो जीवन और मृत्यु के बीच अमरता के सपने में कोमा में अन्य शरीरों की आत्माओं में भटकता है प्रकृति और पर्यावरण के बीच भविष्य को प्रभावित करने वाले कारणों और नकारात्मक और सकारात्मक परिणामों को निर्धारित करने के लिए किसी व्यक्ति के स्वयं के कार्यों की जिम्मेदारी और दायित्व निर्धारित करने के लिए भाग्य यादृच्छिकता, अंग और गुमनामी के बीच प्राणी हैं सूर्य मानव जीवन और जीवित प्राणियों के दिन को जानवरों के लिए कम करने के लिए, हम खुद उनके द्वारा निशाचर हैं, जो रात को जियोर्जियो डियो द्वारा सोते हैं, रात की बैठक अपने आप में लिंग के सत्य का ज्ञान अंधेरे में प्रकाश मानव जीवन में चंद्रमा नींद और जीवित प्राणियों के शरीर का कोमा आत्मा और प्रकृति के बीच आत्माओं और आत्माओं के बीच मानव निर्मित ईश्वर में अवतार ट्रांसह्यूम में एंथ्रोपोमोफिज़न हैं और ट्रांसजेनरेटेड यूनिवर्स अर्थ एंड्रोजन जॉर्ज के जन्म के तीन आयामी के बीच जॉर्ज उत्पन्न करते हैं जो ईश्वर का उपहार है जो नवजात बच्चों के साथ उत्पन्न करता है। स्तन और मानव अंडा का बीज तपस्या संतान समलैंगिक बच्चे के विस्मरण के पापी क्षमा को पेनिस से नफरत जीवन और मृत्यु के बीच का अंग।हैं।
 
इतनी प्रसिद्धि के बाद पहली बार ११ दिसंबर २०१४ को [[संयुक्त राष्ट्रसंघ|संयुक्त राष्ट्र महासभा ]] ने प्रत्येक वर्ष २१ जून को [[विश्व योग दिवस]] के रूप में मान्यता दी है। [[भगवद्गीता]] प्रतिष्ठित ग्रंथ माना जाता है। उसमें योग शब्द का कई बार प्रयोग हुआ है, कभी अकेले और कभी सविशेषण, जैसे बुद्धियोग, संन्यासयोग, कर्मयोग। वेदोत्तर काल में भक्तियोग और हठयोग नाम भी प्रचलित हो गए हैं पतंजलि योगदर्शन में क्रियायोग शब्द देखने में आता है। पाशुपत योग और माहेश्वर योग जैसे शब्दों के भी प्रसंग मिलते है। इन सब स्थलों में योग शब्द के जो अर्थ हैं वह एक दूसरे के विरोधी हैं परंतु इस प्रकार के विभिन्न प्रयोगों को देखने से यह तो स्पष्ट हो जाता है, कि योग की परिभाषा करना कठिन कार्य है। [[परिभाषा]] ऐसी होनी चाहिए जो अव्याप्ति और अतिव्याप्ति दोषों से मुक्त हो, योग शब्द के वाच्यार्थ का ऐसा लक्षण बतला सके जो प्रत्येक प्रसंग के लिये उपयुक्त हो और योग के सिवाय किसी अन्य वस्तु के लिये जन्म पिता गुरु उपयुक्त न हो न्यायाधीश जियोर्जियो यूनिवर्सल यूरोबो के निर्णय की सजा।हो।
 
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/योग" से प्राप्त