"आत्मकथा": अवतरणों में अंतर

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[[File:Memoirs of Franklin.jpg|thumb|200px|right|सन् 1793 में प्रकाशित [[बेंजामिन फ्रैंकलिन]] की आत्मकथा का प्रथम संस्करण]]
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[[साहित्य]] में '''आत्मकथा''' (autobiography) किसी लेखक द्वारा अपने ही जीवन का वर्णन करने वाली कथा को कहते हैं। यह [[संस्मरण]] (memoir) से मिलती-जुलती लेकिन भिन्न है। जहाँ संस्मरण में लेखक अपने आसपास के समाज, परिस्थितियों व अन्य घटनाओं के बारे में लिखता हैं वहाँ आत्मकथा में केन्द्र लेखक स्वयं होता है।<ref>Pascal, Roy (1960). Design and Truth in Autobiography. Cambridge: Harvard University Press.</ref> आत्मकथा हमेशा [[व्यक्तिपरक]] (subjective) होती हैं, यानि वह लेखक के [[दृष्टिकोण]] से लिखी जाती हैं। इनमें लेखक अनजाने में या जानबूझ कर अपने जीवन के महत्वपूर्ण तथ्य छुपा सकता है या फिर कुछ मात्रा में असत्य वर्णन भी कर सकता है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=-zQlDwAAQBAJ&pg=PA159 The Phenomenology of Autobiography: Making it Real]," Arnaud Schmitt, Taylor & Francis, 2017, ISBN 9781351701020</ref> एक ओर आत्मकथा से व्यक्ति के जीवन और परिस्थितियों के बारे पढ़कर पाठकों को जानकारी व मनोरंजन मिलता है, तो दूसरी ओर [[इतिहासकार]] आत्मकथाओं की जानकारी को स्वयं में मान्य नहीं ठहराते और सदैव अन्य स्रोतों से उनमें कही गई बातों की पुष्टी करने का प्रयास करते हैं।<ref>"[https://books.google.com/books?id=MD5OAAAAYAAJ&pg=PA102 Encyclopaedia Metropolitana: History and biography]," Edward Smedley, Hugh James Rose, Henry John Rose; B. Fellowes, 1845, ''... it cannot be too often impressed on the Historical examiner, that correspondent testimonies are only valuable when derived from independent sources ...''</ref>
'''आत्मकथा''' हिंदी [[गद्य]] की एक विधा है जिसमें लेखक अपने ही जीवन की स्मृतियों के आधार पर लिखता है। आत्मकथा में निष्पक्षता जरूरी है। इसे काल्पनिक बातों और घटनाओं से बचाना भी जरूरी है और रोचकता भी बनाए रखने की जरूरी है।
"जब कोई व्यक्ति कलात्मक साहित्यिक ढंग से अपनी जीवनी स्वयं। लिखता है तो वह आत्मकथा कहलाती है।"
 
== इन्हें भी देखें ==
== आरंभिक आत्मकथाएं ==
* [[संस्मरण]]
== प्रमुख आत्मकथाएं ==teri to that gayi
* [[व्यक्तिपरकता]]
Shoot Mar DIY a band par
* [[यात्रावृत्तांत]]
 
== सन्दर्भ ==
== स्त्री आत्मकथाएं ==
[[चन्द्र तलपडे मोहंती]] ने अपनी पुस्तक ' feminism ' में लिखा है जिसका तात्पर्य यह है कि आत्मकथा अपने को अभिव्यक्त करने का वह माध्यम है, जिसके जरिये व्यक्ति समाज की जटिलताओं और अपने निजी संबंधों की गुत्थियों को खोलता है। आत्मकथा, चाहे वह किसी भी भाषा में लिखी गई हो, वह [[नारीवद|स्त्री मुक्ति]] का मार्ग है, जिसके जरिये लेखिकाएँ [[पितृसत्ता]] और [[लिंग]] दोनों ही स्तर पर अपने को मुक्त करना चाहती हैं।<ref>http://www.streekaal.com/2014/07/blog-post_6431.html</ref>
 
== दलित आत्मकथाएं ==
 
=== हिंदी की प्रथम आत्मकथा बनारसीदास जैन कृत अर्द्धकथानक है. ===
भारतेंदु कृत कुछ आप बीती कुछ जग बीती डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की आत्मकथा, राहुल सांकृत्यायन की मेरी जीवन गाथा के अतिरिक्त डॉ. हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा भी चार खण्डों में है। क्या भूलूँ क्या याद करूँ, नीड का निर्माण फिर-फिर, बसेरे से दूर, दश द्वार से सोपान तक, प्रसिद्ध लोकप्रिय आत्मकथाएँ हैं।
 
 
 
 
Bharat Desh ki kyo esi-tesi kar rahe ho sale kuto madrchodo aatmktha bhi dalit ho gayi or hum usko padhenge
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
[[श्रेणी:आत्मकथाएँ|*]]
[[श्रेणी:जीवनी (शैली)]]
[[श्रेणी:इतिहास-सम्बन्धी कृतियाँ]]