"लेंस": अवतरणों में अंतर
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'''ताल''' (लेंस) एक प्रकाशीय युक्ति है जो [[प्रकाश का अपवर्तन|प्रकाश के अपवर्तन]] के सिद्धान्त पर काम करता है। ताल गोलीय, बेलनाकार आदि जैसे नियमित, ज्यामिती रूप की दो सतहों से घिरा हुआ पारदर्शक माध्यम, जिससे अपवर्तन के पश्चात् किसी वस्तु का वास्तविक अथवा काल्पनिक प्रतिबिंब बनता है, '''ताल''' कहलाता है। उत्तल (convex) ताल मसूर की आकृति का होता है।
ताल की सतह प्राय: गोलीय (spherical) होती है, परंतु आवश्यकतानुसार बेलनाकर, या अगोली ताल भी प्रयुक्त होते हैं। आँख के क्रिस्टलीय ताल ही एकमात्र प्राकृतिक ताल है। हजारों वर्ष पहले भी लोग ताल के विषय में जानते थे और [[माइसनर]] (Meissner) के अनुसार प्राचीन काल में भी चश्मे से लाभ उठाया जाता था। चश्में के अलावा प्रकाशविज्ञान में ताल का उपयोग [[दूरदर्शी]], [[सूक्ष्मदर्शी]], [[प्रकाशस्तंभ]], [[द्विनेत्री]] (बाइनॉक्युलर) इत्यादि में होता
== वर्गीकरण ==
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