"अनुक्रमणिका": अवतरणों में अंतर

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किसी ग्रन्थ या किसी अन्य कृति में आये हुए प्रमुख शब्दों को वर्णक्रम में या किसी अन्य क्रम में सजाकर निर्मित सूची को '''सुसंगतताअनुक्रमणिका''' या कॉन्कॉर्डैंस (concordance) कहते हैं। कम्यूटर प्रोग्रामों के आ जाने से यह काम अपेक्षाकृत बहुत सरल हो गया है किन्तु इसके पहले बहुत महत्वपूर्ण कृतियों (जैसे वेद, बाइबल, कुरान, शेक्सपीयर की कृतियाँ आदि) केकी ही सुसंगतताअनुक्रमणिका निर्मित किये जा सके थे क्योंकि इसमें समय और खर्च बहुत लगता था और काम बहुत कठिन था।
 
विश्व की पहली सुसंगतताअनुक्रमणिका 'वल्गेट बाइबल' (Vulgate Bible) की बनी थी जिसे सन्त चर के हग (Hugh of St Cher) (मृत्यु 1262) ने ५०० भिक्षुओं की सहायता से संकलित किया था। सन् 1448 में रब्बी मॉर्डेकाई नाथन (Rabbi Mordecai Nathan) ने हिब्रू भाषा की बाइबल की सुसंगतताअनुक्रमणिका बनायी जिसे बनाने में दस वर्ष लगे।
 
== भाषाविज्ञान में सुसंगतताअनुक्रमणिका का प्रयोग ==
जब किसी पाठराशि (टेक्स्ट) का अध्ययन/विश्लेषण करना होता है उस समय भाषाविज्ञान में सुसंगतताअनुक्रमणिका का प्रायः प्रयोग होता है। कुछ उदाहरण नीचे दिये जा रहे हैं-
 
* किसी एक ही शब्द के भिन्न-भिन्न प्रयोगों (usages) की तुलना करना
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* मुहावरों तथा लोकोक्तियों की खोज करना तथा उनका विश्लेषण
* द्विपाठ (bitexts) और [[अनुवाद स्मृति]] (translation memories) में [[शब्दावली]] (terminology) आदि के अनुवाद खोजना
* [[अनुक्रमणिका]]वर्णानुक्रम-सूची तथा शब्दसूची निर्मित करने के लिये (प्रकाशन के लिये उपयोगी)।
 
अमेरिकी राष्ट्रीय कॉर्पस, ब्रितानी राष्ट्रीय कॉर्पस आदि में सुसंगतताअनुक्रमणिका की तकनीकों का बहुतायत में प्रयोग होता है।
 
वे कम्प्यूटर प्रोग्राम जो सुसंगतताअनुक्रमणिका तकनीकों का पयोगप्रयोग करने की सुविधा प्रदान करते हैं, 'संवादित्र' (concordancers) कहलाते हैं।
 
== कॉर्पस भाषाविज्ञान में प्रयुक्त संवादित्र (Concordancers)==