"भारत की संस्कृति": अवतरणों में अंतर

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=== जाति व्यवस्था ===
{{main article|जाति}}
[[चित्र:PopulationEstimations.jpg|thumb|300px|right|संख्या के अनुसार जातियों के विभाजन को प्रधार्षित करता हुआ विवरणपट एस सी [[अनुसूचित जातियाँ|अनुसूचित जातियों]] ([[:en:Scheduled castes|Scheduled castes]]) के और एस टी [[दलित|अनुसूचित जनजातियों]] के सन्दर्भ में कहा जाता है|कड़ी=Special:FilePath/PopulationEstimations.jpg]]
भारतीय पारंपरिक संस्कृति अपेक्षाकृत कठोर सामाजिक पदानुक्रम द्वारा परिभाषित किया गया है<ref name="makar"/>[[हिन्दू वर्ण व्यवस्था|भारतीय जाति प्रथा]] [[भारतीय उपमहाद्वीप]] ([[:en:Indian subcontinent|Indian subcontinent]]) में [[सामाजिक स्तरीकरण|सामाजिक वर्गीकरण]] ([[:en:social stratification|social stratification]]) और सामाजिक प्रतिबंधों का वर्णन करती हैं, इस प्रथा में समाज के विभिन्न वर्ग हजारों [[सजातीय विवाह या सगोत्र|सजातीय विवाह]] और आनुवाशिकीय समूहों के रूप में पारिभाषित किये जाते हैं जिन्हें प्रायः '[[जाति]]' के नाम से जाना जाता है इन जातियों के बीच [[विजातीय या असह्गोत्र विवाह समूह|विजातीय समूह]] भी मौजूद है, इन समूहों को गोत्र के रूप में जाना जाता है। [[गोत्र]] , किसी व्यक्ति को अपने कुटुम्भ द्वारा मिली एक [[कबीला|वंशावली]] की पहचान है, यद्यपि कुछ उपजातियां जैसे की [[शकाद्विपी]] ऐसी भी हैं जिनके बीच एक ही गोत्र में विवाह स्वीकार्य है, इन उपजातियों में प्रतिबंधित सजातीय विवाह जानी एक जाति के बीच विवाह को प्रतिबंद्धित करने के लिए कुछ अन्य तरीकों को अपनाया जाता है (उदाहरण के लिए - एक ही उपनाम वाले वंशों के बीच विवाह पर प्रतिबन्ध लगाना)
 
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=== टेलीविजन ===
 
भारतीय टेलिविज़न किकी शुरुआत १९५९ में शिक्षा कार्यक्रमों के प्रसारण के परीक्षण के साथ हुई।<ref name=tvhistory>{{cite web
| url =http://www.indiantelevision.com/indianbrodcast/history/historyoftele.htm
| title =A Snapshot of Indian Television History
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| language =
| accessdate = 2006-06-01
}}</ref> भारतीय छोटे परदे के कार्यक्रम १९७० के मध्य में शुरू किये गए। उस समय वहां केवल एक राष्ट्रीय चैनल [[दूरदर्शन (चैनल)|दूरदर्शन]] था, जो कि सरकार द्वारा अधिकृत था, १९८२ में भारत में नैनई दिल्ली एशियाई खेलों के साथ टी वी प्रोग्रामिंग में क्रांति आई, उसी वर्ष भारत में पहली बार रंगीन टी वी आये.[[रामायण]] और [[महाभारत]] कुछ लोकप्रिय टेलीविजन श्रृंखलाओं में से थे। 1980 के दशक के अंतिम हिस्से तक अधिक से अधिक लोगों के पास अपने टीवी सेट हो गए थे। हालांकि चैनल एक ही था, टीवी प्रोग्रामिंग संतृप्ति पर पहुँचा चुकी थी। इसलिए सरकार ने एक अन्य चैनल खोल दिया जिसमें कुछ भाग राष्ट्रीय प्रोग्रामिंग और कुछ भाग क्षेत्रीय प्रोग्रामिंग का था। इस चैनल को डीडी २ और बाद में डीडी मेट्रो के रूप में जाना जाता था। दोनों चैनलों पृथ्वी से प्रसारित थे।
 
१९९१ में, सरकार ने अपने बाजार खोले और [[केबल टीवी|केबल टेलीविजन]] की शुरुआत हुई.तब से उपलब्ध चैनलों की संख्या में एक बड़ा उछाल कर आया है। आज, भारतीय सिल्वर स्क्रीन अपने आप में एक बहुत बड़ा उद्योग है और इसमें भारत के सभी राज्यों के हजारों कार्यक्रम है। छोटे परदे ने कई सिलेब्रिटी यानि मशहूर हस्तियों को जन्म दिया है और उनमें से कुछ आज अपने लिए राष्ट्रीय ख्याति अर्जित कर चुके हैं। कामकाजी महिलाओं और यहाँ तक की सभी प्रकार के पुरुषों में भी टी वि धारावाहिक बेहद लोकप्रिय हैं। छोटे परदे पर काम करने वाले कुछ अभिनेताओं ने बॉलीवुड में भी अच्छी जगह बनाई है। भारतीय टीवी, पश्चिमी टीवी की तरह ही विकसित हो चूकाचुका है और यहाँ भी कार्टून नेटवर्क, निकेलोदियन, एमटीवी इंडिया जैसे स्टेशन आते हैं।
 
=== सिनेमा ===
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=== रेडियो ===
[[चित्र:MARS Foxhunt Members 2008.jpg|thumb| [[मुम्बई|मुंबई]] में [[ट्रांसमीटर हंटिंग|फॉक्सहंट]] पर अप्रवीण रेडियो ऑपरेटर.]]
भारत में रेडियो प्रसारण १९२७ में, निजी स्वामित्व के दो [[ट्रांसमीटर|ट्रांसमीटरों]] द्वारा [[मुम्बई|बॉम्बे]] और [[कोलकाता]] में शुरू हुआ। १९३० में इनका राष्ट्रीयकारनराष्ट्रीयकरण किया गया और १९३६ तक इन्होने "भारतीय प्रसारण सेवा" नाम से काम किया। १९३६ में इनका नाम बदल कर, [[आकाशवाणी|ऑल इंडिया रेडियो]] (एआईआर) कर दिया गया। यद्यपि १९५७ में आधिकारिक तौर पर इसका नाम बदल कर ''आकाशवाणी'' कर दिया गया लेकिन आज भी यह ऑल इंडिया रेडियो के नाम से लोकप्रिय है।
 
ऑल इंडिया रेडियो [[प्रसार भारती]] (ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) का एक अंग है। जो कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय, [[भारत सरकार]] की एक स्वायत्त संस्था है। यह प्रसार भारती के राष्ट्रीय टेलीविजन प्रसारणकर्ता [[दूरदर्शन (चैनल)|दूरदर्शन]] की एक सहयोगी संस्था है। २० वीं शताब्दी के अंत के बाद से भारत में रेडियो आवृत्तियों एफ एम् और ए एम् बैंड को निजी क्षेत्र के प्रसारणकर्ताओं के लिए खोला दिया गया है लेकिन ऐसी सेवा ज्यादातर महानगरीय क्षेत्रों तक ही सीमित है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बंगलौर जैसे शहरों में कई एनीअन्य निजी एफ एम् चैनल लोकप्रिय हिंदी और अंग्रेजी संगीत प्रसारित करते हैं, हालाँकि उन आकाशवाणी की तरह समाचार प्रसारित करने का अधिकार नहीं है।
हाल ही में [[वर्ल्ड स्पेस]] ([[:en:World Space|World Space]]) ने देश की पहली उपग्रह रेडियो सेवा का शुभारंभ किया।