"कैथोलिक कलीसिया": अवतरणों में अंतर
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== मान्यताएँ और रीति-रिवाज ==
कैथोलिक मानते हैं कि उनका धार्मिक संगठन आरंभिक ईसाई संगठन के रिवायत को जारी रखता है और उसका एकमात्र वारिस है। वे मानते हैं कि उनकी प्रार्थना रीतियों में जो रोटी और मदिरा का पान किया जाता है वह धार्मिक अर्थ में [[
कैथोलिक धर्म में कुछ भक्तों को औपचारिक रूप से संतों का दर्जा दिया जाता है और कैथोलिकों को अनुमति है कि वे इनकी पूजा कर सकें।<ref name="ref79cavuf">{{cite web | title=Catholics, Non-Catholics and Non-Catholic Catholics | author=Constantine C. Kliora | publisher=Xlibris Corporation, 2009 | isbn=9781441596543 | url=http://books.google.com/books?id=BdXFiuAwPEQC | quote=''... The Canonization process allows and encourages the veneration of and prayer to a particular individual saint ... allowing us to pray to these saints and by making them part of the prayers of the Church and of Catholic Liturgy ...''}}</ref> बहुत से कैथोलिक देशों में किसी स्थानीय कैथोलिक संत को बहुत मान्य समझा जाता है, जैसे की [[आयरलैंड]] में "संत पैट्रिक" (Saint Patrick) को और [[पोलैंड]] में "संत स्तानिस्लाउस" (Stanislaus) को। इन्हें उन राष्ट्रों का "पालक संत" (patron saint, पेट्रन सेंट) कहा जाता है। कैथोलिक विश्वास में मरियम (जो ईसा की माता थीं) को बहुत ही पूजनीय संत माना जाता है। कैथोलिक स्त्रियों में "मेरी", "मारिया" और "मरियम" जैसे नाम आम हैं और कैथोलिक विद्यालयों में "सेंट मेरी" जैसे नाम भी अक्सर देखे जाते हैं। "आवे मारिया" (Ave Maria, अर्थ: "मारिया को नमन") नाम का [[लातिनी भाषा]] का स्तुति-गान कैथोलिक समुदायों में काफ़ी लोकप्रीय है। कैथोलिक नज़रिए में ऐसी धार्मिक हस्तियों को करी पूजा ईश्वर को प्राप्त होती हैं और इस से धर्म आम जनता के समीप आता है। प्रोटेस्टैंट दृष्टिकोण इस से विपरीत है और उसमें अक्सर संत-प्रथा को [[यूरोप]] की प्राचीन ग़ैर-ईसाई रिवाजों का एक छुपा रूप माना जाता है जिसमें बहुत से देवी-देवताओं हुआ करते थे।<ref name="ref41codiv">{{cite web | title=The Baptist quarterly, Volume 6 | author=American Baptist Publication Society | publisher=American Baptist Publication Society, 1872 | isbn= | url=http://books.google.com/books?id=hJNLAAAAMAAJ | quote=''... in its worship of angels and saints and relics, and of the virgin Mary, has in itself a polytheistic element ...''}}</ref>
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