"अनुवाद": अवतरणों में अंतर

छो 2409:4056:208F:1ADF:A76B:EE44:1199:B536 द्वारा किये गये 1 सम्पादन पूर्ववत किये। (बर्बरता)। (ट्विंकल)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 57:
अनुवाद दशा में पहला सार्थक प्रयास एच. एच. विल्सन ने १८५५ में ‘ग्लोरी ऑफ़ ज्यूडिशियल एंड रेवेन्यू टर्म्स' के द्वारा किया। सन् १९६१ में राजभाषा विधायी आयोग की स्थापना हुई। इसका काम अखिल भारतीय मानक विधि शब्दावली तैयार करना था। १९७० में विधि शब्दावली का प्रकाशन हुआ। इसका परिवर्धन होता आ रहा हे। इसका नवीन संस्करण १९८४ में निकला। इस आयोग ने कानून संबंधी अनेक ग्रंथो का अनुवाद किया हे। कई न्यायालयों में न्यायाधीश हिंदी में भी निर्णय देने लगे है।
 
==अनुवादक==
== अनुवाद की परम्परा ==
अनुवादक का कार्य स्रोतभाषा के पाठ को अर्थपूर्ण रूप से लक्ष्यभाषा में अनूदित करता है। अनुवाद का कार्य अन्ततोगत्वा एक ही व्यक्ति करता है । एकाकी अनुवाद में तो अनुवादक अकेला होता ही है, सहयोगात्मक अनुवाद में भी, अन्तिम भाग में, सम्पादन का काम अनुवादक को अकेले करना होता है। अतः अनुवादक के साथ अनेक दायित्व जुड़ जाते हैं और कार्य के सफल निष्पादन में उससे अनेक अपेक्षाएं रहती हैं । भाषा ज्ञान, विषय ज्ञान, अभिव्यक्ति कौशल, व्यक्तिगत गुण आदि की दृष्टि से अनुवादक से होने वाली अपेक्षाओं पर विचार करना होता है ।
अनुवाद की परम्परा ==
अनुवाद की परम्परा बहुत पुरानी है। [[बाबल का मीनार|बेबल के मीनार]] (Tower of Babel) की कथा प्रसिद्ध ही है, जो इस तथ्य की ओर सङ्केत करती है कि, मानव समाज में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं। यह तर्कसङ्गत रूप से अनुमान किया जा सकता है कि पारस्परिक सम्पर्क की सामाजिक अनिवार्यता के कारण अनुवाद व्यवहार का जन्म भी बहुत पहले हो गया होगा। परन्तु जहाँ तक लिखित प्रमाणों का सम्बन्ध है,
== अनुवाद की परम्परा ==
 
* अनुवाद परम्परा के आरम्भिक बिन्दु का प्रमाण ईसा से तीन सहस्र वर्ष पहले प्राचीन मिस्र के राज्य में, द्विभाषिक शिलालेखों के रूप में मिलता है।
* तत्पश्चात् ईसा से तीन सौ वर्ष पूर्व [[रोमन साम्राज्य|रोमन]] लोगों के [[ग्रीक]] लोगों के सम्पर्क में आने पर [[ग्रीक भाषा|ग्रीक]] से [[लातिन भाषा|लैटिन]] में अनुवाद हुए।