"सूर्य ग्रहण": अवतरणों में अंतर

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छो सन्दर्भ
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;1. पूर्ण सूर्य ग्रहण
;[[चित्र:Total Solar Eclipse 8-21-17.jpg|अंगूठाकार|उत्तरी अमरीका से लिया गया पूर्ण सुर्य ग्रहण का दृश्य]]
पूर्ण सूर्य ग्रहण उस समय होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी के काफ़ी पास रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और चन्द्रमा पूरी तरह से पृ्थ्वी को अपने छाया क्षेत्र में ले ले फलस्वरूप सूर्य का प्रकाश पृ्थ्वी तक पहुँच नहीं पाता है और पृ्थ्वी पर अंधकार जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है तब पृथ्वी पर पूरा सूर्य दिखाई नहीं देता। इस प्रकार बनने वाला ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है।<ref>{{cite web |url=https://bindassnews.com/solar-eclipse-july-2019/ |title=सूर्य ग्रहण जुलाई 2019 की संपूर्ण जानकारी |accessmonthday= |accessyear= |last= |first= |authorlink= |format=.कॉम |publisher=bindassnews.com | language = hi}}</ref>
;2. आंशिक सूर्य ग्रहण
आंशिक सूर्यग्रहण में जब चन्द्रमा सूर्य व पृथ्वी के बीच में इस प्रकार आए कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है अर्थात चन्दमा, सूर्य के केवल कुछ भाग को ही अपनी छाया में ले पाता है। इससे सूर्य का कुछ भाग ग्रहण ग्रास में तथा कुछ भाग ग्रहण से अप्रभावित रहता है तो पृथ्वी के उस भाग विशेष में लगा ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण कहलाता है।