"रामायण": अवतरणों में अंतर

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* ''वाल्मीकीय रामायण'', प्रकाशक: देहाती पुस्तक भंडार, दिल्ली
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
कांचीपुरम के 17वीं शदी के कवि वेंकटाध्वरि रचित ग्रन्थ “राघवयादवीयम्” ऐसा ही एक अद्भुत ग्रन्थ है।
 
;प्रारंभिक साहित्य
इस ग्रन्थ को ‘अनुलोम-विलोम काव्य’ भी कहा जाता है। पूरे ग्रन्थ में केवल 30 श्लोक हैं। इन श्लोकों को सीधे-सीधे पढ़ते जाएँ, तो रामकथा बनती है और विपरीत (उल्टा) क्रम में पढ़ने पर कृष्णकथा। इस प्रकार हैं तो केवल 30 श्लोक, लेकिन कृष्णकथा के भी 30 श्लोक जोड़ लिए जाएँ तो बनते हैं 60 श्लोक।
* विकिस्रोत से [[oldwikisource:रामायण|रामायण]]
; अनुवाद
 
[http://raithal.com/ramayan/ 1.Ramayan full information]
पुस्तक के नाम से भी यह प्रदर्शित होता है, राघव (राम) + यादव (कृष्ण) के चरित को बताने वाली गाथा है ~ “राघवयादवीयम।”
 
* [http://www.valmikiramayan.net/ एक वाल्मीकि रामायण जालपृष्ठ अंग्रेज़ी मतलब के साथ में] {{संस्कृत चिह्न}}, {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
उदाहरण के तौर पर पुस्तक का पहला श्लोक हैः
* [http://www.astrojyoti.com/ramacharitamanasindex.htm तुलसीदास का रामायण] {{हिन्दी चिह्न}}, {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
* [https://spiritualworld.co.in/religious-songs-and-vrat-kathayen/hindu-aarti-collection/shri-ramayan-ji-ki-aarti-in-hindi-and-english श्री रामायण जी की आरती]
* [http://www.shreemaa.org/drupal/taxonomy_menu/55/96 सुन्दरकांड — अनुवादकों: स्वामी सत्यानन्द, देवी मन्दीर (आइएसबीएन 1-877795-15-9)]
* [http://www.artpathpress.com रुथ ग्लेन लिटल की व्याख्या के साथ लिन जेसप रचित रामायण (आइएसबीएन 1-928875-02-05)]
 
;ऑनलाइन तथ्य
वंदेऽहं देवं तं श्रीतं रन्तारं कालं भासा यः ।
*[http://raithal.com/ramayan/ 15 तस्वीरें जो ये साबित करती हैं कि रामायण की प्रत्येक घटना बिलकुल सच है]
रामो रामाधीराप्यागो लीलामारायोध्ये वासे ॥ १॥
*[http://raithal.com/ramayan/ भारत के हिंदीतर रामकाव्य]
* [http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/rktha001.htm राम कथा की विदेश-यात्रा]
* [http://raftaar.com/CacheModule.aspx?URL=10589936&UID=dff4bd0d-e91b-469c-b37e-683d45b84793&eot=&rank=51&db=&search=%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%95 विश्व में रमे राम] - विभिन्न भाषाओं और देशों में राम-कथा
* [http://www.mpsharma.com/mahavir/?p=223 वाल्मीकि-रामायण कम्प्यूटर की कसौटी पर]
* [http://www.swargarohan.org/Ramayana/Ramcharitmanas.htm गुजराती तुलसी रामायण एवं रामायण के पात्रों का चरित्र चित्रण] {{गुजराती चिह्न}}, {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
* [http://www.religionfacts.com/hinduism/texts/ramayana.htm रामायण से सम्बंधित तथ्य]
* [http://www.sacred-texts.com/hin/dutt/index.htm 1899 में आर.सी. दत्त रचित संक्षिप्त रामायन और महाभारत]
* [http://www.onlinedarshan.com/ramayana/index.htm ऑनलाइन रामायण] (रेजिस्ट्रेशन ज़रूरत है)
* [http://eol.jsc.nasa.gov/scripts/sseop/photo.pl?mission=STS033&roll=74&frame=74 पाल्क स्ट्रेट का नैसा शटल चित्र] राम सेतु का सैटलाइट चित्र
* [http://www.claysanskritlibrary.org क्ले संस्कृत पुस्तकालय] [[महाभारत]] और रामायण के साथ प्राचीन भारतीय साहित्य प्रकाशित करने वाली संस्था। साहित्य अनुवाद पृष्ठ के साथ खोजनीय वाङ्मय और डाउनलोड सामग्री भी उपलब्ध है।
 
;रामायण से प्रेरित कार्य {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
अर्थातः
* [http://www.kamat.com/kalranga/mythology/ramayan/index.htm रामायण व्याख्या] रामायण से प्रेरित चित्रकला, शिल्पकला तथा अन्य भारतीय कलाओं की समाविष्टि
मैं उन भगवान श्रीराम के चरणों में प्रणाम करता हूं, जो जिनके ह्रदय में सीताजी रहती है तथा जिन्होंने अपनी पत्नी सीता के लिए सहयाद्री की पहाड़ियों से होते हुए लंका जाकर रावण का वध किया तथा वनवास पूरा कर अयोध्या वापिस लौटे।
* [http://www.borobudur.tv/temple_index.htm प्रम्बानन के रामायण उपाय]
* [http://www.geetramayan.com महाकवि ग.द. माडगूळकर एवं सुधीर फड़के रचित मराठी गीतरामायण]
* [http://www.ninapaley.com/Sitayana/ ''सीता का वियोग-गान''] - [[सीता]] से सम्बंधित इक्सवीं शताब्दी की अनुप्राणित चित्रों तथा कतरनों का संग्रह
* [http://www.antiquus.net ऐन्टिकुस] [[कनाडा|कनाडाई]] एक एपिक पावर मेटल बैंड कनाडा से उसका डेब्यू ऐलबम में गान का लिरिक्स रामायण के बारे में है।
 
;अनुसंधानकार्यों से सम्बंधित निबन्ध {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
विलोमम्:
* [http://www.umassd.edu/indic/effectoframayanaonvariousculturesandcivilisations.pdf विवध संस्कृतियों एवं सभ्यताओं पर रामायण का प्रभाव] — (पी.डी.एफ़. संरूप में)
* [http://www.azibaza.com/lecture/ramayana.htm रामायण कथा संग्रह] - अन्य देशों में रामायण के अनुकूलन पर चर्चा
 
;अवर्गित जालपृष्ठ {{अंग्रेज़ी चिह्न}}
सेवाध्येयो रामालाली गोप्याराधी भारामोराः ।
* [http://puja.net/Podcasts/PodcastMenu.htm वैदिक राग, मन्त्र, वैदिक अध्यात्म तथा पौराणिक कथाओं का प्रस्तुतीकरण] — एक साप्ताहिक पॉडकास्ट
यस्साभालंकारं तारं तं श्रीतं वन्देऽहं देवम् ॥ १॥
* [http://www.hinduwiki.com हिन्दूविकि.कॉम] — एक विकि जालपृष्ठ [[हिन्दू धर्म]] के विषय में।
* [http://www.valmikiramayan.agoodplace4all.com संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण] {{हिन्दी चिह्न}}
*[http://raithal.com/ramayan/ अन्तरराष्ट्रीय रामायण संस्थान, उत्तरी अमेरिका]
*[http://raithal.com/ramayan/ संक्षेपरामायणम्] (महर्षिवाल्मीकिप्रणीत-रामायण-बालकाण्ड-प्रथमसर्ग-रूपम्)
 
अर्थातः
 
{{हिन्दू धर्म}}
मैं रूक्मिणी तथा गोपियों के पूज्य भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में प्रणाम करता हूं, जो सदा ही मां लक्ष्मी के साथ विराजमान है तथा जिनकी शोभा समस्त जवाहरातों की शोभा हर लेती है।
{{संस्कृत साहित्य}}
 
{{निर्वाचित लेख}}
 
[[श्रेणी:धर्मग्रन्थ]]
 
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]
“राघवयादवीयम” के ये 60 संस्कृत श्लोक इस प्रकार हैं:-
[[श्रेणी:रामायण]]
 
[[श्रेणी:उत्तम लेख]]
राघवयादवीयम् रामस्तोत्राणि
[[श्रेणी:महाकाव्य]]
वंदेऽहं देवं तं श्रीतं रन्तारं कालं भासा यः ।
रामो रामाधीराप्यागो लीलामारायोध्ये वासे ॥ १॥
 
विलोमम्:
सेवाध्येयो रामालाली गोप्याराधी भारामोराः ।
यस्साभालंकारं तारं तं श्रीतं वन्देऽहं देवम् ॥ १॥
 
साकेताख्या ज्यायामासीद्याविप्रादीप्तार्याधारा ।
पूराजीतादेवाद्याविश्वासाग्र्यासावाशारावा ॥ २॥
 
विलोमम्:
वाराशावासाग्र्या साश्वाविद्यावादेताजीरापूः ।
राधार्यप्ता दीप्राविद्यासीमायाज्याख्याताकेसा ॥ २॥
 
कामभारस्स्थलसारश्रीसौधासौघनवापिका ।
सारसारवपीनासरागाकारसुभूरुभूः ॥ ३॥
 
विलोमम्:
भूरिभूसुरकागारासनापीवरसारसा ।
कापिवानघसौधासौ श्रीरसालस्थभामका ॥ ३॥
 
रामधामसमानेनमागोरोधनमासताम्
नामहामक्षररसं ताराभास्तु न वेद या ॥ ४॥
 
विलोमम्:
यादवेनस्तुभारातासंररक्षमहामनाः ।
तां समानधरोगोमाननेमासमधामराः ॥ ४॥
 
यन् गाधेयो योगी रागी वैताने सौम्ये सौख्येसौ ।
तं ख्यातं शीतं स्फीतं भीमानामाश्रीहाता त्रातम् ॥ ५॥
 
विलोमम्:
तं त्राताहाश्रीमानामाभीतं स्फीत्तं शीतं ख्यातं ।
सौख्ये सौम्येसौ नेता वै गीरागीयो योधेगायन् ॥ ५॥
 
]मारमं सुकुमाराभं रसाजापनृताश्रितं ।
काविरामदलापागोसमावामतरानते ॥ ६॥
 
विलोमम्:
तेन रातमवामास गोपालादमराविका ।
तं श्रितानृपजासारंभ रामाकुसुमं रमा ॥ ६॥
 
रामनामा सदा खेदभावे दया-वानतापीनतेजारिपावनते ।Y
कादिमोदासहातास्वभासारसा-मेसुगोरेणुकागात्रजे भूरुमे ॥ ७॥
 
विलोमम्:
मेरुभूजेत्रगाकाणुरेगोसुमे-सारसा भास्वताहासदामोदिका ।
तेन वा पारिजातेन पीता नवायादवे भादखेदासमानामरा ॥ ७॥
 
सारसासमधाताक्षिभूम्नाधामसु सीतया ।
साध्वसाविहरेमेक्षेम्यरमासुरसारहा ॥ ८॥
 
विलोमम्:
हारसारसुमारम्यक्षेमेरेहविसाध्वसा ।
यातसीसुमधाम्नाभूक्षिताधामससारसा ॥ ८॥
 
सागसाभरतायेभमाभातामन्युमत्तया ।
सात्रमध्यमयातापेपोतायाधिगतारसा ॥ ९॥
 
विलोमम्:
सारतागधियातापोपेतायामध्यमत्रसा ।
यात्तमन्युमताभामा भयेतारभसागसा ॥ ९॥
 
तानवादपकोमाभारामेकाननदाससा ।
यालतावृद्धसेवाकाकैकेयीमहदाहह ॥ १०॥
 
विलोमम्
हहदाहमयीकेकैकावासेद्ध्वृतालया ।
सासदाननकामेराभामाकोपदवानता ॥ १०॥
 
]वरमानदसत्यासह्रीतपित्रादरादहो ।
भास्वरस्थिरधीरोपहारोरावनगाम्यसौ ॥ ११॥
 
विलोमम्:
सौम्यगानवरारोहापरोधीरस्स्थिरस्वभाः ।
होदरादत्रापितह्रीसत्यासदनमारवा ॥ ११॥
 
यानयानघधीतादा रसायास्तनयादवे ।
सागताहिवियाताह्रीसतापानकिलोनभा ॥ १२॥
 
विलोमम्:
भानलोकिनपातासह्रीतायाविहितागसा ।
वेदयानस्तयासारदाताधीघनयानया ॥ १२॥
 
रागिराधुतिगर्वादारदाहोमहसाहह ।
यानगातभरद्वाजमायासीदमगाहिनः ॥ १३॥
 
विलोमम्:
नोहिगामदसीयामाजद्वारभतगानया ।
हह साहमहोदारदार्वागतिधुरागिरा ॥ १३॥
 
यातुराजिदभाभारं द्यां वमारुतगन्धगम् ।
सोगमारपदं यक्षतुंगाभोनघयात्रया ॥ १४॥
 
विलोमम्:
यात्रयाघनभोगातुं क्षयदं परमागसः ।
गन्धगंतरुमावद्यं रंभाभादजिरा तु या ॥ १४॥
 
दण्डकां प्रदमोराजाल्याहतामयकारिहा ।
ससमानवतानेनोभोग्याभोनतदासन ॥ १५॥
 
विलोमम्:
नसदातनभोग्याभो नोनेतावनमास सः ।
हारिकायमताहल्याजारामोदप्रकाण्डदम् ॥ १५॥
 
सोरमारदनज्ञानोवेदेराकण्ठकुंभजम् ।
तं द्रुसारपटोनागानानादोषविराधहा ॥ १६॥
 
विलोमम्:
हाधराविषदोनानागानाटोपरसाद्रुतम् ।
जम्भकुण्ठकरादेवेनोज्ञानदरमारसः ॥ १६॥
 
सागमाकरपाताहाकंकेनावनतोहिसः ।
न समानर्दमारामालंकाराजस्वसा रतम् ॥ १७॥
 
विलोमम्:
तं रसास्वजराकालंमारामार्दनमासन ।
सहितोनवनाकेकं हातापारकमागसा ॥ १७॥
 
तां स गोरमदोश्रीदो विग्रामसदरोतत ।
वैरमासपलाहारा विनासा रविवंशके ॥ १८॥
 
विलोमम्:
केशवं विरसानाविराहालापसमारवैः ।
ततरोदसमग्राविदोश्रीदोमरगोसताम् ॥ १८॥
 
गोद्युगोमस्वमायोभूदश्रीगखरसेनया ।
सहसाहवधारोविकलोराजदरातिहा ॥ १९॥
 
विलोमम्:
हातिरादजरालोकविरोधावहसाहस ।
यानसेरखगश्रीद भूयोमास्वमगोद्युगः ॥ १९॥
 
हतपापचयेहेयो लंकेशोयमसारधीः ।
राजिराविरतेरापोहाहाहंग्रहमारघः ॥ २०॥
 
विलोमम्:
घोरमाहग्रहंहाहापोरातेरविराजिराः ।
धीरसामयशोकेलं यो हेये च पपात ह ॥ २०॥
 
 
ताटकेयलवादेनोहारीहारिगिरासमः ।
हासहायजनासीतानाप्तेनादमनाभुवि ॥ २१॥
 
विलोमम्:
विभुनामदनाप्तेनातासीनाजयहासहा ।
ससरागिरिहारीहानोदेवालयकेटता ॥ २१॥
 
भारमाकुदशाकेनाशराधीकुहकेनहा ।
चारुधीवनपालोक्या वैदेहीमहिताहृता ॥ २२॥
 
विलोमम्:
ताहृताहिमहीदेव्यैक्यालोपानवधीरुचा ।
हानकेहकुधीराशानाकेशादकुमारभाः ॥ २२॥
 
हारितोयदभोरामावियोगेनघवायुजः ।
तंरुमामहितोपेतामोदोसारज्ञरामयः ॥ २३॥
 
विलोमम्:
योमराज्ञरसादोमोतापेतोहिममारुतम् ।
जोयुवाघनगेयोविमाराभोदयतोरिहा ॥ २३॥
 
भानुभानुतभावामासदामोदपरोहतं ।
तंहतामरसाभक्षोतिराताकृतवासविम् ॥ २४॥
 
विलोमम्:
विंसवातकृतारातिक्षोभासारमताहतं ।
तं हरोपदमोदासमावाभातनुभानुभाः ॥ २४॥
 
हंसजारुद्धबलजापरोदारसुभाजिनि ।
राजिरावणरक्षोरविघातायरमारयम् ॥ २५॥
 
विलोमम्:
यं रमारयताघाविरक्षोरणवराजिरा ।
निजभासुरदारोपजालबद्धरुजासहम् ॥ २५॥
 
सागरातिगमाभातिनाकेशोसुरमासहः ।
तंसमारुतजंगोप्ताभादासाद्यगतोगजम् ॥ २६॥
 
विलोमम्:
जंगतोगद्यसादाभाप्तागोजंतरुमासतं ।
हस्समारसुशोकेनातिभामागतिरागसा ॥ २६॥
 
वीरवानरसेनस्य त्राताभादवता हि सः ।
तोयधावरिगोयादस्ययतोनवसेतुना ॥ २७॥
 
विलोमम्:
नातुसेवनतोयस्यदयागोरिवधायतः ।
सहितावदभातात्रास्यनसेरनवारवी ॥ २७॥
 
हारिसाहसलंकेनासुभेदीमहितोहिसः ।
चारुभूतनुजोरामोरमाराधयदार्तिहा ॥ २८॥
 
विलोमम्
हार्तिदायधरामारमोराजोनुतभूरुचा ।
सहितोहिमदीभेसुनाकेलंसहसारिहा ॥ २८॥
 
नालिकेरसुभाकारागारासौसुरसापिका ।
रावणारिक्षमेरापूराभेजे हि ननामुना ॥ २९॥
 
विलोमम्:
नामुनानहिजेभेरापूरामेक्षरिणावरा ।
कापिसारसुसौरागाराकाभासुरकेलिना ॥ २९॥
 
साग्र्यतामरसागारामक्षामाघनभारगौः ॥
निजदेपरजित्यास श्रीरामे सुगराजभा ॥ ३०॥
 
विलोमम्:
भाजरागसुमेराश्रीसत्याजिरपदेजनि ।
गौरभानघमाक्षामरागासारमताग्र्यसा ॥ ३०॥
 
॥ इति श्रीवेङ्कटाध्वरि कृतं श्री ।।