"संस्कृत भाषा": अवतरणों में अंतर

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* संस्कृत कई भारतीय भाषाओं की जननी है। इनकी अधिकांश शब्दावली या तो संस्कृत से ली गयी है या संस्कृत से प्रभावित है। पूरे भारत में संस्कृत के अध्ययन-अध्यापन से भारतीय भाषाओं में अधिकाधिक एकरूपता आयेगी जिससे भारतीय एकता बलवती होगी। यदि इच्छा-शक्ति हो तो संस्कृत को [[हिब्रू]] की भाँति पुनः प्रचलित भाषा भी बनाया जा सकता है औऱ ब्राह्मणवाद को सही से स्थापित किया जा सकता है।
 
* हिन्दू, बौद्ध, जैन आदि धर्मों के प्राचीन धार्मिक ग्रन्थ पाली भाषा मे हैं जो सबसे प्राचीन भाषा है बाद में इसे संस्कृत में भी लिखा गया हैं।
 
* हिन्दुओं के सभी पूजा-पाठ और धार्मिक संस्कार की भाषा संस्कृत ही है।
 
* हिन्दुओं, बौद्धों और जैनों के नाम भी पाली तथा संस्कृत पर आधारित होते हैं।
 
* भारतीय भाषाओं की [[तकनीकी शब्दावली]] भी संस्कृत से ही व्युत्पन्न की जाती है। [[भारतीय संविधान]] की धारा 343, धारा 348 (2) तथा 351 का सारांश यह है कि देवनागरी लिपि में लिखी और मूलत: हिंदी से अपनी [[पारिभाषिक शब्दावली]] को लेने वाली हिन्दी [[राजभाषा]] है।