"राजा सिद्धार्थ": अवतरणों में अंतर

→‎जीवन वृतांत: माता त्रिशला जी ने 14स्वपन दैखे थे न की सोलहा
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== जीवन वृतांत ==
जैन ग्रन्थ [[उत्तरपुराण]] के अनुसार वैशाली के राजा [[चेटक]] के 10 पुत्र और सात पुत्रियाँ थी। उनकी ज्येषठ पुत्री पिर्यकारिणी अर्थात [[त्रिशला]] का विवाह राजा सिद्धार्थ से हुआ था।{{sfn|Pannalal Jain|2015|p=482}} माता त्रिशला द्वारा देखें गए 14१६ शुभ स्वपनों का अर्थ राजा सिद्धार्थ ने बताया था।{{sfn|Pannalal Jain|2015|p=४६०}}
 
== सन्दर्भ ==