"प्राच्यवाद": अवतरणों में अंतर
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प्राच्यवाद की अवधारणा अंतर्अनुशासनात्मक अनुसंधान का परिणाम है। जिसमें विभिन्न समाजविज्ञान के साथ ही तुलनात्मक साहित्य की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
फ़ूको की सत्ता और ज्ञान के अंतर्संबंधों के साथ-साथ एंटोनियो ग्राम्शी की वर्चस्व की अवधारणा ने इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इसके अतिरिक्त
का इस्तेमाल किया गया है।
कोलम्बिया विश्वविद्यालय में तुलनात्मक साहित्य के प्रोफ़ेसर के रूप में सईद को नस्लवादी प्रभाव वाले रचनाकार अंर्स्ट रेनन का अध्ययन करते हुए ही यूरोकेंद्रीयता के उद्गम की पहचान हुई थी।
== सन्दर्भ ==
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